वज्रपात के डेंजर जोन में गोड्डा जिला
वज्रपात के डेंजर जोन में गोड्डा जिला
गोड्डा।
गोड्डा संताल परगना में गोड्डा जिला वज्रपात के मामले में डेंजर जोन माना जाता है। वज्रपात से यहां सर्वाधिक घटनाएं घटी है। दर्जनों लोगों की जान भी गई है। वज्रपात से गोवंशियों की भी काफी संख्या में यहां मौत हुई है। वज्रपात से बिजली विभाग को काफी नुकसान उठाना पड़ है। विभागीय आंकड़ें बताते हैं कि यहां मानसून के दौरान बीते बीते तीन माह में आकाशीय बिजली से जिले भर में कोई 50 ट्रांसफार्मर जले हैं। वहीं एचटी लाइन में इंसुलेटर पंचर होने की घटना भी सर्वाधिक घटी है।
वज्रपात से शहरी क्षेत्र में ही तीन माह में छह ट्रांसफार्मर जले हैं। इसमें रौतारा चौक पर दो, मंडल कारा परिसर के पास एक सहित अन्य वार्डों में भी तीन अलग-अलग ट्रांसफार्मर जलने की घटना हुई है। गोड्डा वज्रपात के मामले में डेंजर जोन माना जाता है। बावजूद इसके बिजली विभाग की ओर से ट्रांसफार्मरों को बचाने के लिए कहीं भी लाइटिग अरेस्टर उपकरण नहीं लगाए हैं। कुछेक नए ट्रांसफार्मर में इसकी व्यवस्था रहती है लेकिन रखरखाव के अभाव में यह काम नहीं करती। लाइटिग होने की स्थिति में यह ट्रांसफार्मर का बचाव नहीं कर पाता है। लाइटिग अरेस्टर को लेकर विभाग भी गंभीरता नहीं दिखा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि विभाग के लिए नुकसानदेह होने के बाद इस दिशा में सक्रियता नहीं दिखाई जा रही है।
वज्रपात से डेढ़ दर्जन लोगों की मौत
गोड्डा : डेंजर जोन में शुमार रहा गोड्डा जिला में इस बार मानसून के दौरान वज्रपात से डेढ़ दर्जन लोगों की मौत हुई है। काफी संख्या में गोवंशी भी मारे गए हैं। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार यहां इस साल अबतक 18 लोगों की मौत वज्रपात से हुई है। दो माह पूर्व एक ही दिन सदर अंचल में धनरोपनी के समय पांच लोगों की मौत वज्रपात से हो गई थी। कृषि कार्य के दौरान ही ज्यादा मौतें हुई है। जिले के विभिन्न स्थानों में इस बार वज्रपात से 50 ट्रांसफार्मर जले है। शहर में भी आधा दर्जन ट्रांसफार्मर इसकी चपेट में आए। ट्रांसफार्मर में लाइटिग अरेस्टर अभी नहीं है। नए ट्रांसफार्मर में इसकी व्यवस्था की गई है। विभाग इस मामले को लेकर गंभीर है। आनेवाले समय में इस पर काम होना है। मुख्यालय को इसकी रिपोर्ट भेजी गई है।
- पीके गुप्ता, कार्यपालक अभियंता , बिजली विभाग, गोड्डा।
कृषि विज्ञान केंद्र में अब मौसम की जानकारी देने के लिए नई मशीन लगाई गई है। मेघगर्जन व वज्रपात के मामले में संताल परगना क्षेत्र को संवेदनशील माना जाता है। इसमें गोड्डा जिला तो डेंजर जोन में आता है। यहां लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। दामिनी एप से इसकी पूर्व सूचना दी जाती है। – रजनीश प्रसाद, मौसम वैज्ञानिक,