अनाथों का भविष्य संवारने निकली झालसा

अनाथों का भविष्य संवारने निकली झालसा

गोड्डा।

जिले में कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को झालसा के शिशु प्रोजेक्ट से जोड़ने सहित सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ सुनिश्चित कराने को लेकर डालसा की टीम जगह-जगह जाकर सुध ले रही है। अनाथ बच्चों की सुध लेने को लेकर झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार, रांची के निर्देशानुसार तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सत्यप्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की टीम जिले के बोआरीजोर प्रखंड की केन्दुआ बस्ती पहुंची। यह बस्ती राजमहल परियोजना की ललमटिया इकाई के चितरकोठी के बिल्कुल सटा हुआ है। यहां अनाथ बच्चे आफाक शाद एवं इमाम असद के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई। इनके पिता अब्दुल जब्बार की मौत पिछले 18 अप्रैल 21 को कोरोना से हुई है। अब्दुल जब्बार सउदी अरब में काम करते थे। जनवरी 21 में वे घर आये थे। इस दौरान अपैल माह में उसकी बीमारी से मौत कोलकाता के एक अस्पताल में हो गई। उनके निधन के बाद बच्चों के समक्ष गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। इसके बाद टीम महागामा प्रखंड के गम्हरिया गांव पहुंची। यहां आकर यू केजी में पढ़ रही इब्रा तब्बसुन के घर पहुंची। उनके पिता मोल्डन आलम की मौत दो मई 21 को इलाज के क्रम में हो गई। ऐसे में इन बच्चों को योजनाओं से जोड़कर लाभ दिलाने के लिए अधिवक्ता अनिता सोरेन के साथ टीम के सदस्य पीएलवी नवीन कुमार झा, बासुदेव मणीनंदन कुमार एवं रामविलास महतो आदि ने बताया कि ऐसे में अनाथ नाबालिक को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की दिशा में आवश्यक जानकारी ली गई। इस दौरान उनकी पारिवारिक, आर्थिक तथा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से संबंधित जानकारी एकत्रित की गई। अनाथ बालक को झालसा की ओर से संचालित यथा शिशु प्रोजेक्ट एवं अन्य नालसा स्कीमों के तहत विधिक सहायता मुहैया कराई जायेगी।

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