केंद्रीय गाइडलाइन के बाद लॉकडाउन को लेकर मिल रहे बड़ा संकेत जानें 3 जून के बाद क्या होगा
केंद्रीय गाइडलाइन के बाद लॉकडाउन को लेकर मिल रहे बड़ा संकेत जानें 3 जून के बाद क्या होगा
धनबाद।
देश-दुनिया की तरह झारखंड पर भी कोरोना का कहर जारी है। कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए झारखंड में 22 अप्रैल से लॉकडाउन जारी है। हालांकि राज्य सरकार की तरफ से इसका नाम स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह दिया गया है। 22 अप्रैल से पहले एक-एक सप्ताह के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को विस्तारित किया जा रहा है। माैजूदा स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की अवधि 3 जून की सुबह 6 बजे तक है। इस बीच लॉकडाउन के कारण दुकानें बंद रहने से दुकानदारों की आर्थिक स्थिति चरमराने लगी है। प्राइवेट में काम करने वालों और दिहाड़ी मजदूरों के समक्ष भुखमरी-सी स्थिति है। फेडरेशन ऑफ धनबाद जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष चेतन गोयनका और महासचिव अजय नारायण लाल ने झारखंड सरकार को त्राहिमाम संदेश भेजकर दुकानों को खोलने की अनुमति देने की मांग की है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि 3 जून के बाद क्या होगा? क्या झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार दुकानों को खोलने की अनुमति देगी? 3 जून के बाद लॉकडाउन समाप्त होगा या और विस्तार दिया जाएगा।
30 जून तक जारी रह सकता लॉकडाउन
धनबाद की तरह हर पड़ोसी जिले बोकारो, गिरिडीह, जामताड़ा समेत पूरे झारखंड के व्यवसायी चाहते हैं कि शर्तों के साथ सभी दुकानों को खोलने की अनुमति दी जाय। दुकान कोविड-19 से बचाव के लिए हर दिशा-निर्देश को पालन करने के लिए तैयार हैं। इस बीच केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की तरफ से झारखंड समेत देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी गाइडलाइन से जो संकेत मिल रहे हैं, उससे तो लगता है कि फिलहाल लॉकडाउन से मुक्ति नहीं मिलने वाली है। झारखंड में 30 जून तक लॉकडाउन चल सकता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर सूचित किया है कि कोविड-19 को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जो दिशा निर्देश 25 अप्रैलको, 2021 को जारी किए गए थे, अब यह आदेश 30 जून 2021 तक प्रभावी रहेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि राज्यों में कंटेनमेंट जोन की सीमा तय करने का अधिकार राज्यों का होगा. साथ ही मंत्रालय ने मुख्य सचिवों से यह भी कहा है कि यदि राज्य सरकार अपने इलाकों में किसी तरह की कोई छूट दे रही है, तो उन्हें बहुत सोच समझ कर लागू करें और इन छूटों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाए।
कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी को देखते हुए कोई भी जोखिम लेने के मूड में नहीं
कोरोना की पहली लहर को भारत और झारखंड बहुत आसानी से झेल गया था। पहली लहर में लॉकडाउन समाप्त होने के बाद केंद्र की तरफ से कोरोना से बचाव के लिए लगातार राज्य सरकारों को दिशा-निर्देश जारी किया जाता रहा। लेकिन किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। नतीजा सामने है। अभी तक दूसरी कोरोना की दूसरी लहर समाप्त नहीं हुई है। लेकिन तीसरी लहर की चेतावनी दी जाने लगी है। यह चेतावनी बहुत खतरनाक है। कहा जा रहा है कि तीसरी लहर से बच्चों को खतरा है। और चिंता की बात यह है कि कोरोना बच्चों को बचाने के लिए अभी तक टीका तैयार नहीं हुआ है। ऐसे में केंद्र सरकार जोखिम लेने के मूड में नहीं है। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की तरफ से राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा गया है कि पिछले दिनों यह देखा गया है कि कोरोना के मामलों में कमी आई है। लेकिन अभी भी सख्त निगरानी की बेहद आवश्यकता है। क्योंकि एक्टिव केसों की संख्या अभी भी ज्यादा है। गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन राज्यों के इलाकों में पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से ज्यादा है और अस्पतालों में 60 प्रतिशत से ज्यादा बेड भरे हुए हैं, उन इलाकों को संवेदनशील घोषित किया जाए और राज्य सरकार का स्थानीय प्रशासन मामले क्यों बढ़ रहे हैं इसकी गहनता से जांच करें और उन्हें किस प्रकार से कंट्रोल किया जाए इस तरफ उचित दिशा में कदम उठाए जाएं।
दिशा-निर्देश में कोई बदलाव नहीं, राज्य निर्णय लेने को स्वतंत्र
केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए निर्देश के मुताबिक सभी दिशानिर्देश पिछले महीने की ही तरह है और उनमें कोई भी बदलाव नहीं किया गया है. राज्यों में चल रहे लॉकडाउन को बढ़ाने या घटाने या फिर उसमें कोई ढील दिए जाने कि पूरे अधिकार भी राज्यों को ही दिए गए हैं। अब यह राज्यों को तय करना है कि वह अपने राज्यों में चल रहे लॉकडाउन में कोई ढील देना चाहते है या नहीं। इस दिशा-निर्देश के बाद माना जा रहा है कि झारखंड सरकार आगे बढ़कर कोई निर्णय लेने और छूट देने से पहले वह पड़ोस के राज्यों के निर्णय को देखना चाहेगी। ऐसे में जो संकेत मिल रहे हैं कि उससे तो लगता है कि झारखंड में 3 जून के बाद भी लॉकडाउन जारी रहेगा।
झामुमो जल्दबाजी में निर्णय लेने के पक्ष में नहीं
धनबाद समेत पूरे झारखंड के व्यवसायी सभी दुकानों को खोलने की अनुमति मांग रहे हैं। इस मांग पर सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा केंद्रीय समिति के सदस्य अशोक मंडल कहते हैं-व्यवसायियों की मांग सही है। लॉकडाउन से हर कोई परेशान है। लेकिन हमारे सामने जान बचाने की सबसे बड़ी चुनाैती है। जान है तो जहान है। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के प्रयासों से राज्य में कोरोना नियंत्रित हुआ है। लेकिन अभी भी खतरा है। इसे देखते हुए सभी धैर्य बनाए रखने और सहयोग करने की जरूरत है। राज्य सरकार हर किसी की समस्याओं को लेकर चिंतित है। मुख्यमंत्री सही समय पर सही निर्णय लेंगे।