फिर बढ़ी चिंता , वियतनाम में भारत और ब्रिटेन में पाए गए स्ट्रेन का हाइब्रिड कोरोना वैरिएंट मिला
फिर बढ़ी चिंता, वियतनाम में भारत और ब्रिटेन में पाए गए स्ट्रेन का हाइब्रिड कोरोना वैरिएंट मिला
वियतनाम में कोरोना वायरस का एक नया वैरिएंट पाया गया है। यह भारत और ब्रिटेन में पाए गए वायरस के स्ट्रेन का हाइब्रिड वैरिएंट यानी इन दोनों से मिलकर बना है। वियतनाम के स्वास्थ्य मंत्री गुयेन टी. लोंग ने शनिवार को कहा कि विज्ञानियों ने हाल ही में संक्रमित पाए गए कुछ मरीजों के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की थी। इसी में इस नए वैरिएंट का पता चला है।
कोरोना की चार स्ट्रेन चिंता का सबब
लैब रिपोर्ट में इसके दूसरे अन्य वैरिएंट के मुकाबले ज्यादा तेजी से फैलने की आशंका जताई गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक सूची जारी की है, जिसमें दुनिया में पाए गए कोरोना वायरस के चार स्ट्रेन को ‘वैरिएंट आफ कंसर्न’ की श्रेणी में रखा गया है। इनमें ब्रिटेन और भारत में पाए गए वैरिएंट के साथ ही दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में पाए गए दो वैरिएंट भी शामिल हैं।
मामलों में बढ़ोतरी की वजह यह वैरिएंट
लोंग ने कहा कि वियतनाम में हाल में कोरोना संक्रमण में वृद्धि का कारण यह वैरिएंट हो सकता है। देश की 63 नगर पालिकाओं और प्रांतों में से 30 में संक्रमण के मामले बढ़े हैं। मई तक वियतनाम में 3,100 मामले पाए गए थे और 35 लोगों की जान गई थी। लेकिन पिछले कुछ हफ्ते में ही 3,500 से ज्यादा नए मामले मिले हैं और 12 लोगों की मौत हो गई है। इनको मिलाकर कुल मृतकों की संख्या 47 हो गई है।
ब्रिटेन में फिर बढ़ने लगे मामले
ब्रिटेन, खासकर इंग्लैंड के कुछ इलाकों में कोरोना संक्रमण के मामलों में फिर वृद्धि होने लगी है। इसके पीछे भारत में सबसे पहले पाए गए कोरोना वायरस के वैरिएंट बी.1.617.2 को कारण माना जा रहा है। नए मामलों में 23 फीसद से ज्यादा की वृद्धि हो रही है। पिछले शुक्रवार को 2,829 नए केस मिले थे, जबकि इस शुक्रवार को 4,182 हो गई है। प्रतिदिन होने वाली मौतें भी 11 फीसद से ज्यादा बढ़ी हैं।
संक्रमण में तेज बढ़ोतरी की आशंका
ब्रिटेन में पिछले शुक्रवार को नौ लोगों की जान गई थी, इस हफ्ते यह संख्या बढ़कर 10 हो गई है। इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने जून में संक्रमण में तेजी वृद्धि की आशंका जताई है। इंग्लैंड के आर-रेट एक हो गई है यानी एक संक्रमित व्यक्ति एक और व्यक्ति को संक्रमित कर रहा है, लाकडाउन के चलते यह दर कम हो गई थी।