कोरोना वैक्सीनेशन की सर्टिफिकेट इंटरनेट मीडिया पर शेयर करने से बचें, जानें इसका नुकसान
कोरोना वैक्सीनेशन की सर्टिफिकेट इंटरनेट मीडिया पर शेयर करने से बचें, जानें इसका नुकसान
रांची।
वर्तमान समय में कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन लेना जरूरी है। लोग वैक्सीन तो ले ही रहे हैं, साथ ही वैक्सीन की सर्टिफिकेट इंटरनेट मीडिया पर शेयर भी कर रहे हैं। लेकिन आपको यह जानना जरूरी है कि वैक्सीन की सर्टिफिकेट इंटरनेट मीडिया पर शेयर करना महंगा पड़ सकता है। इस संबंध में झारखंड पुलिस के साइबर दोस्त ने भी लोगों को चेतावनी दी है। कहा है कि इंटननेट मीडिया पर vaccination certificate को शेयर करने में सावधान रहें।
साइबर दोस्त की ओर से बताया गया है कि कोविड 19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में आपका नाम और अन्य निजी जानकारी होती है। वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को इंटरनेट मीडिया पर शेयर करने से बचें, नहीं तो साइबर अपराधी आपको ठगने के लिए इसका दुरुपयोग कर सकते हैं। देश में कोरोना की रोकथाम के लिए फिलहाल दो वैक्सीन कोविशिल्ड और कोवैक्सीन उपलब्ध हैं। लोग वैक्सीन ले रहे हैं और इसके लिए दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं। वैक्सीन लेने के बाद लोगों को एक सर्टिफिकेट भी मिल रहा है। इसमें वैक्सीन लेने वाले का नाम, उम्र, लिंग, कौन सी वैक्सीन ली आदि-आदि लिखा रहता है। जरूरत पड़ने पर आप इस सर्टिफिकेट को दिखाकर बता सकते हैं कि आपने कोरोना से बचाव की वैक्सीन ली है।
बता दें कि साइबर अपराधी आपकी निजी जानकारी चुराकर उसे डार्क नेट पर बेच देते हैं। इसके अलावा आपकी निजी जानकारी के आधार पर फर्जी कागजात तैयार कर उसका दुरुपयोग कर सकते हैं। इससे बैंक अकाउंट खोलवाना, सिम कार्ड लेना आदि कार्य किया जा सकता है। इसलिए इंटरनेट मीडिया पर निजी जानकारियों से पूर्ण कोई भी कागजात शेयर करने से बचा जाना चाहिए।