झारखंड ई-पास को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल, हाई कोर्ट के आदेश को दी चुनौती
Jharkhand E Pass Jharkhand News याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर से जब से ई पास लागू किया गया है औरइस कारण जिनसे जुर्माने की राशि वसूली की गई और जिन पर आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं उन सभी को वापस लिया जाए।
SamacharAajTak Ranchi Team
Ranchi। झारखंड में लागू ई पास का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इसको लेकर प्रार्थी राजन कुमार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की है। याचिका में झारखंड हाई कोर्ट की ओर से ई पास की वैधता को लेकर दाखिल याचिका को खारिज करने को चुनौती दी गई है। इसके अलावा उक्त याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर से जब से ई पास लागू किया गया है और इसके चलते जिन-जिन लोगों से जुर्माने की राशि वसूली की गई और जिन पर आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं, उन सभी को वापस लिया जाए।
बता दें कि राजन कुमार सिंह ने झारखंड हाई कोर्ट में ई पास के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। उनका कहना था कि राज्य सरकार की ओर से ई पास के जरिए निजी सूचनाएं मांगी जा रही हैं जो निजता का हनन है। इसके अलावा दूध और सब्जी जैसे जरूरी सामान लाने जाने के लिए लोगों को ई पास बनवाना पड़ रहा है। लेकिन झारखंड हाई कोर्ट ने इसे राज्य सरकार का नीतिगत मामला बताते हुए इस याचिका को खारिज कर दिया था। झारखंड में लागू ई पास को रद करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दाखिल की गई है।
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बता दें कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए झारखंड में 22 अप्रैल से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह लागू किया है। पहले यह एक सप्ताह के लिए लगाया गया। इसके बाद यह चार बार क्रमवार बढ़ाया गया। स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में घर से बाहर निकलने के लिए सरकार ने ई पास की व्यवस्था लागू की है। ई पास सबके लिए अनिवार्य किया गया। हालांकि एक दिन पूर्व सरकार की ओर से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह बढ़ाए जाने की घोषणा में ई पास को अब सबके लिए अनिवार्य नहीं किया गया है।
कई वर्ग के लोगों को इससे छूट प्रदान की गई है। ई पास की व्यवस्था लागू होने से लोगों को इस दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जरूरी काम से घर से निकले लोगों के साथ पुलिस ने बिना पास होने पर कार्रवाई की। पूर्व में बिना किसी वैरिफिकेशन के पास बन जाने से लोग इसका गलत इस्तेमाल भी करते नजर आए। हालांकि अब इसमें काफी सुधार किया गया है। यह पास सिस्टम ओटीपी आधारित कर दिया गया है।