अनुशासनहीन अधिकारियों के लिए बज गईखतरे की घंटी, नौकरी गई तो दूसरे जगह भी नहीं मिलेगी

अनुशासनहीन अधिकारियों के लिए बज गईखतरे की घंटी, नौकरी गई तो दूसरे जगह भी नहीं मिलेगी

धनबाद।

कोल इंडिया ने अधिकारियों के लिए नियमों को और सख्त किया है। वहीं कई दंडात्मक कार्रवाई को और कड़ा किया है। अब कुछ मामलों में अधिकारियों की यहां तो नौकरी जाएगी ही साथ ही यह प्रावधान भी किया जाएगा कि उन्हें अन्य सार्वजनिक प्रतिष्ठानों में भी नौकरी न मिले। कोल इंडिया बोर्ड की बैठक में इस नियमन को मंजूरी दी गई है। 18 मई को कोल इंडिया के महाप्रबंधक कार्यालय एवं नीति नीला प्रसाद ने बीसीसीएल, ईसीएल, सीसीएल समेत सभी अनुषंगी कंपनियों के लिए इसकी अधिसूचना जारी की है।

मामूली दंडात्मक कार्रवाई

इसमें बताया गया है कि कंपनी ने दो तरह के दंडात्मक प्रावधान किए हैं। इन्हें दो भागों में विभक्त किया गया है। मामूली दंडात्मक कार्रवाई व प्रमुख दंड। मामूली दंडात्मक कार्रवाई में अधिकारी की निंदा करना, उनकी एक पदोन्नति रोकना, एक वेतनवृद्धि रोकना शामिल है। यह उनके सीआर में दर्ज होगा। अनुशासनहीनता अथवा कंपनी के निर्देशों की अवहेलना करने पर लीव इंकैशमेंट पर रोक की कार्रवाई भी हो सकती है। हालांकि कुछ मामलों में इन्हें अगले तीन वर्षों में लौटाया भी जा सकता है।

प्रमुख दंडात्मक कार्रवाई

कंपनी को आर्थिक नुकसान साबित होने पर अधिकारियों का ग्रेड घटाया जा सकता है। इसमें उनके वेतनमान और वरीयता क्रम को भी कमतर किए जाने का प्रावधान है। अपराध की गंभीरता के अनुसार कोल इंडिया बोर्ड को यह अधिकार दिया गया है कि वह अधिकारी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे सकता है। उसे बर्खास्त किया जा सकता है। कुछ मामलों में अधिकारियों को बर्खास्तगी के साथ ही उसे अन्य सार्वजनिक प्रतिष्ठान अथवा सीपीएसई में नियुक्ति के अयोग्य भी घोषित किया जा सकता है।

राकेश कुमार बनेंगे स्वतंत्र तकनीकी निदेशक

बीसीसीएल के तकनीकी निदेशक रहे राकेश कुमार अब स्वतंत्र तकनीकी निदेशक बनेंगे। उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स की ओर से स्वतंत्र निदेशकों के लिए आयोजित परीक्षा में सफलता प्राप्त कर ली है। कारपोरेट मामलों के मंत्रालय के अधीन आने वाले इस विभाग की ओर से किसी भी सार्वजनिक प्रतिष्ठान अथवा निजी कंपनियों के स्वतंत्र निदेशकों के लिए डाटा बैंक तैयार किया जाता है। इसके लिए अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष निर्धारित है। इच्छुक अभ्यर्थियों की ओर से ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन किया गया था जिसमें राकेश कुमार सफल रहे हैं।

प्राप्त किया 89 फीसद अंक

कुमार के मुताबिक 50 फीसद मार्क्स आने पर अभ्यर्थी सफल माने जाते हैं। हालांकि उन्होंने 80 फीसद मार्क्स लाए। अब विभाग की ओर से उन्हें किसी भी संस्थान अथवा कॉरपोरेट कंपनी में स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किया जा सकता है। बता दें कि सरकार ने सभी सार्वजनिक कंपनियों व कॉरपोरेट कंपनियों के लिए स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति अनिवार्य कर रखी है। कुमार इसी वर्ष 31 मार्च को बीसीसीएल के तकनीकी निदेशक परिचालन के पद से सेवानिवृत्त हुए

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