विभागीय लापरवाही के चलते 53 हजार किलोग्राम डीडीटी बर्बाद
पाकुड़।
विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते स्थानीय पुराना सदर अस्पताल के गोदाम में रखा लाखों रूपए के 53 हजार किलोग्राम डीडीटी बर्बाद हो गया।जिसे राज्य मलेरिया पदाधिकारी के निर्देशानुसार यहाँ से उठाकर चाइबासा ले जाया गया है।उल्लेखनीय है कि उक्त डीडीटी वर्ष 2014-15 से ही यहाँ पड़ा हुआ था।इतने बड़े पैमाने पर डीडीटी की बर्बादी विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है।उधर विभागीय सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2015 से डीडीटी का छिड़काव बंद कर दिया गया है।उसके पूर्व ही विभाग को डीडीटी उपलब्ध कराया गया था।बर्बाद हो चुके डीडीटी पाउडर के बोरे पर एक्सपायरी डेट 2014, 2015 लिखा हुआ है।यानी उसके पूर्व ही यहाँ उपलब्ध कराया गया था।इसकी बर्बादी के लिए जिम्मेदार कौन है इसकी जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए।सूत्रों ने यह भी बताया कि स्थानीय अधिकारियों द्वारा यहाँ के भंडार में 53 हजार किलोग्राम डीडीटी पड़े होने की जानकारी वरीय पदाधिकारियों को बहुत पहले ही दी चुकी थी।जिसके मद्देनजर राज्य मलेरिया पदाधिकारी ने वर्तमान सिविल सर्जन को पत्र लिखकर उसे चाइबासा भेजने का निर्देश दिया गया है।इस बावत सिविल सर्जन डाॅक्टर रामदेव पासवान ने बताया कि विभागीय अधिकारी के निर्देशानुसार यहाँ पड़े डीडीटी को चाइबासा भेजा गया है।साथ ही कहा कि इसकी बर्बादी के जिम्मेदार कौन हैं यह राज्य बता सकता है।चूँकि मेरे आने के पहले से ही यहाँ रखा गया था।