महिला का शव पहुंचने पर गांव में पसरा मातमी सन्नाटा
गोड्डा।
स्थानीय थाना क्षेत्र के मानिकपुर गांव में सोमवार को कौशल्या देवी का शव पहुंचते ही परिजनों के रोने धोने की आवाज से माहौल गमगीन हो गया। पटना से शव गांव पहुंचने की सूचना पाकर पुलिस भी पहुंची। परिजनों ने महिला के साथ मारपीट करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। मालूम हो कि अपने नाबालिग नाती को पड़ोसियों की पिटाई से बचाने के क्रम में कौशल्या देवी पर ही 13 नवंबर को पड़ोसियों का कहर टूट पड़ा था। पड़ोसियों ने लाठी डंडे से मोसमात कौशल्या देवी की बेरहमी से पिटाई की थी। महिला को इलाज के लिए तत्काल हरि देवी रेफरल अस्पताल ठाकुरगंगटी ले जाया गया था। वहां से चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए भागलपुर रेफर कर दिया था। महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए भागलपुर में चिकित्सकों ने घायल को पटना रेफर कर दिया था। इलाज के दौरान पटना में रविवार को महिला की मौत हो गई थी। पटना में मौत के बाद सोमवार के अहले सुबह गांव में शव पहुंचते ही मातम सन्नाटा पसरा हुआ है। मृतका का पोस्टमार्टम पीएमसीएच पटना में करके परिजनों को शव सौंप दिया गया था। इधर शव घर पहुंचने की सूचना पर मेहरमा पुलिस ने गांव पहुंचकर देखा। साथ ही कई लोगों से भी इसकी विस्तृत जानकारी ली। मृतका के परिजनों ने मेहरमा पुलिस से दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही के साथ ही अविलंब दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है। हालांकि इस मामले में पुलिस की भूमिका शुरू से ही संदिग्ध रही है। मारपीट की घटना के दूसरे दिन 14 नवंबर को मृतका के नाबालिग नाती एवं नतनी ने थाना पहुंचकर पुलिस को मामले की जानकारी दी थी। लेकिन पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। आरोप लगाया जा रहा है कि प्रारंभ में पुलिस की भूमिका मारपीट करने वाले के संरक्षक के रूप में रही। इस बीच जब रविवार को महिला की पटना में मौत हो गई, तब पुलिस की कुंभकरणी निद्रा टूटी और पुलिस ने गांव पहुंचकर मृतका की नतनी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की।