ईद – ए- मिलाद- उन- नवी के अवसर पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन गोड्डा के तत्वावधान में रविवार को भाषण, स्तुति, गीत आदि प्रतियोगिता का आयोजन गोड्डा कोर्ट परिसर स्थित सभागार में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिवक्ता दिलीप तिवारी ने की। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सुशील कुमार झा एवं विशिष्ट अतिथि अधिवक्ता संघ के महासचिव योगेश चंद्र झा थे। कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता नजीर अहमद अधिवक्ता ने आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम संयोजक अजीत कुमार सहाय ने उपस्थित सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। फाउंडेशन के सचिव अबुल कलाम आजाद ने फाउंडेशन के कार्यों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। कहा कि इस तरह का कार्यक्रम, जिसमें सभी मजहब के लोगों एवं सभी सरकारी गैर सरकारी एवं मदरसों के बच्चों की सहभागिता हो, किया जाता है। इस तरह के आयोजन में गोड्डा पूरे देश में एक नजीर पेश कर रहा है, जिसमें सभी लोगों की पूर्णरूपेण भागीदारी होती है। इस वर्ष कोविड 19 को लेकर बहुत ज्यादा प्रसार प्रचार नही करते हुए कार्यक्रम को सांकेतिक रूप से मनाया गया। मंच संचालन की भूमिका रैना आजाद ने बखूबी निभाई। तकरीर एवं नात शरीफ मे सभी प्रतिभागियों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी । आयोजन समिति के मीडिया प्रभारी प्रीतम गाडिया ने बताया कि तकरीर में प्रथम पुरस्कार नूर फातिमा, द्वितीय पुरस्कार एहसान अंसारी, तृतीय स्थान मो तौकीर रजा को दिया गया। नात शरीफ में प्रथम पुरस्कार मो फैयाज रजा,द्वितीय पुरस्कार मो हसनैन रजा एवं तृतीय पुरस्कार आरिफा कौशा को दिया गया।जज की भूमिका मो असलम (अधिवक्ता) एवं मो जावेद (+2 स्कूल के शिक्षक) ने निभाई। मौके पर उपस्थित समाजसेवी चिंतामणि ने बताया कि गीता और कुरान में लिखी गई बातें एक है। वैसे ही राम रहीम भी एक हैं। मगर जरूरत है इनको अपने जीवन में उतारने की। तभी इस तरह के कार्यक्रमों की सार्थकता समाज में उदाहरण बन कर आयेगी। हाफिज़ मुजीबुर्रहमान ने प्रार्थना कर विश्व शांति के लिए प्रार्थना की। फाउंडेशन के अध्यक्ष मो तुफैल खान के द्वारा कार्यक्रम मे उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद ज्ञापन किया गया। मौके पर फाउंडेशन के मो.अनिनुल गाजी,आशुतोष तिवारी, जय किशोर ठाकुर, मो जब्बार, कयुम अंसारी,महाकवि धनेश्वर पंडित आदि मौजूद थे।