*GODDA NEWS:प्रसार कार्यकर्ताओं को दी गई जैविक खेती की जानकारी*
प्रसार कार्यकर्ताओं को दी गई जैविक खेती की जानकारी
गोड्डा।
ग्रामीण विकास ट्रस्ट-कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में प्रसार कार्यकर्त्ताओं का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण का विषय धान में एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन, जैविक खेती एवं खाद था।
सस्य वैज्ञानिक डाॅ अमितेश कुमार सिंह ने प्रसार कार्यकर्त्ताओं को बताया कि धान की अधिक पैदावार के लिये एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन एक महत्वपूर्ण पद्धति है।
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इसमें रसायनिक उर्वरक, सूक्ष्म पोषक तत्व, जैविक उर्वरक, हरी-नीली शैवाल, गोबर खाद एवं हरी खाद आदि का समुचित उपयोग किया जाता है। धान के उत्पादन में मुख्य पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, जिंक आदि महत्वपूर्ण हैं, जिनकी भरपाई किसानों द्वारा रासायनिक उर्वरकों की उपयोग से की जाती है।
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एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन सभी प्रकार के आदानों को आवश्यकतानुसार उपयोग करने के लिये बढ़ावा देता है।मृदा के स्वास्थ्य को बनाये रखने, मृदा की उपजाऊ को शक्ति को बढ़ाने एवं लाभकारी सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ाने के लिये एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है।
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कृषि प्रसार वैज्ञानिक डाॅ रितेश दुबे ने बताया कि जैविक खेती कृषि की वह पद्धति है, जिसमें पर्यावरण को स्वच्छ प्राकृतिक संतुलन को कायम रखते हुए भूमि, जल एवं वायु को प्रदूषित किये बिना दीर्घकालीन व स्थिर उत्पादन प्राप्त किया जाता है। इस पद्धति में रसायनों का उपयोग कम से कम एवं आवश्यकतानुसार किया जाता है। यह पद्धति रसायनिक कृषि की अपेक्षा सस्ती, स्वावलम्बी एवं स्थाई है।
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