केंद्रीय सरना समिति, लोहरदगा, झारखण्ड का एक प्रतिनिधिमंडल आज उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो से मिला और राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से समिति द्वारा वर्ष 2021 की जनगणना परिपत्र में सरना धर्म कोड अधिसूचित करने की मांग की गई है। साथ ही इसके लिए विधानसभा और कैबिनेट से पास कराकर केंद्र सरकार को भेजने की मांग की गई है। ज्ञापन में कहा गया है कि वर्ष 2011 की जनगणना में झारखण्ड में अन्य धर्म काॅलम में 4235786 आदिवासी जनसंख्या दर्ज की गई है जिसमें 4131282 सरना धर्म दर्ज किया गया। यह संख्या आदिवासी जनसंख्या का 97 प्रतिशत है और कुल आदिवासी आबादी 86 लाख का 48 प्रतिशत है। वर्ष 2011 की जनगणना में भारत की कुल आदिवासी आबादी का 7937734 आदिवासी आबादी ने अन्य धर्म काॅलम में अपना धर्म दर्ज किया है जिसमें 4957467 आदिवासी आबादी ने सरना धर्म दर्ज किया जो अन्य धर्म काॅलम में दर्ज हुए आबादी का 62 प्रतिशत है। जबकि गोंडा/गोड़ी धर्म-1026344, भील धर्म-1323, आदिवासी धर्म-86877, साही धर्म-138512, सारी धर्म-506369, दोनों पाली-331370 तथा अन्य नगण्य दर्ज हुआ है।. इधर आदिवासी संगठनों के द्वारा जिला मुख्यालय एवं प्रखंड मुख्यालय में रैली भी निकाली गई।