घायल की मौत से फूटा आक्रोश, अस्पताल में की तोड़फोड़
– महागामा के एसडीओ को भी जनता के उबाल का करना पड़ा सामना – चरमराती जा रही है महागामा रेफरल अस्पताल की स्थिति
मुकेश कुमार/जावेद अख्तर की रिपोर्ट
महागामा।
महागामा-नूनाजोर के बीच सवारियों से भरी एक पिकअप वैन के असंतुलित होकर पलट जाने के परिणाम स्वरूप एक महिला समेत आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। महागामा रेफरल अस्पताल में इलाज के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों एवं ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। आक्रोशित लोगों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की। मृतक का नाम पप्पू कुमार पासवान(19) बताया जाता है, जो महागामा का रहने वाला था। परिजनों का कहना है कि गंभीर रूप से घायल पप्पू को बेहतर इलाज के लिए बाहर भेजने के दौरान काफी विलंब किया गया। घंटों प्रतीक्षा के बाद एंबुलेंस आया। समय पर बेहतर इलाज नहीं होने के कारण उसकी मौत हो गई। सड़क दुर्घटना में श्रमिक की मृत्यु के बाद आक्रोशित लोगों ने रेफरल अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया। अस्पताल की व्यवस्था से लोग काफी आहत प्रतीत हो रहे थे। अस्पताल की व्यवस्था से आक्रोशित लोगों ने इमरजेंसी वार्ड में टेबल एवं कुर्सी पलट दिया। इस दौरान भीड़ को नियंत्रित करने पहुंचे अनुमंडल पदाधिकारी जितेंद्र कुमार देव को भी मृतक के परिजनों एवं स्थानीय लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। आक्रोशित लोगों ने पुलिस प्रशासन के विरुद्ध नारे भी लगाए। लोगों का कहना था कि अस्पताल की विधि व्यवस्था बद से बदतर है। अगर समय पर एंबुलेंस की व्यवस्था हो जाती तो श्रमिक की मौत नहीं होती। लोगों का कहना था कि वर्तमान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के कार्यकाल में अस्पताल की स्थिति हद से ज्यादा खराब हो गई है।अस्पताल के कुछ चिकित्सक अपने क्वाटर में आराम फरमाते हैं , तो कुछ अपने निजी क्लीनिक में व्यस्त रहते हैं। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का दर्शन भी यदा-कदा ही हो पाता है। किसी मरीज के पहुंचने पर चिकित्सक को बुलाना पड़ता है। लोगों का कहना था कि घायलों को बेहतर इलाज के लिए बाहर भेजने में यदि विलंब नहीं किया जाता, तो शायद श्रमिक की मौत नहीं होती।एंबुलेंस के अभाव में गंभीर रूप से घायल मरीजों को बेहतर इलाज के लिए जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल, भागलपुर और सदर अस्पताल गोड्डा भेजने में विलंब होने के कारण परिजनों के बीच आक्रोश और भी बढ़ गया। अनुमंडल पदाधिकारी ने अस्पताल में रखा एक एंबुलेंस और ईसीएल से एंबुलेंस को मंगवा कर सभी घायलों को बाहर भेजने की व्यवस्था की।इन सभी समस्याओं को लेकर परिजन में काफी आक्रोश देखा गया। आक्रोशित परिजनों ने अनुमंडल पदाधिकारी को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जल्द से जल्द अस्पताल की विधि व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त होनी चाहिए, ताकि स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही से किसी की मौत नहीं हो।आक्रोशित लोगों का यह भी कहना है कि जब अनुमंडल कार्यालय यहां हुआ तो लोगों में उम्मीद जगी कि अब व्यवस्था और भी बेहतर होगी । स्वास्थ्य सुविधा में सुधार होगा। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।