पुण्यतिथि पर याद किए गए पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद – पैतृक गांव कसबा में कार्यक्रम आयोजित कर दी गई श्रद्धांजलि
गोड्डा।
केंद्र सरकार के पूर्व मंत्री एवं संयुक्त बिहार के मुख्यमंत्री रहे भागवत झा आजाद को 9 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धा पूर्वक याद किया गया। मेहरमा प्रखंड स्थित स्वर्गीय आजाद के पैतृक गांव कसबा में आयोजित कार्यक्रम में देश के राजनीतिक पटल पर गहरी छाप छोड़ने वाले अपने गांव के अमूल्य लाल को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम के आयोजक प्रेम शंकर मिश्रा थे। मौके पर आचार्य पंडित सुधीर शास्त्री,सुमन कुमार मिश्र,कौशल कुमार झा,अभय कुमार मिश्र,आशीष ठाकुर,राकेश मिश्रा,चंदन कुमार ,दिवाकर मिश्र एवं भागवत झा आजाद उच्च विद्यालय कसबा के शिक्षक मिथिलेश कुमार तथा शशिकांत शर्मा आदि मौजूद थे। आजाद उच्च विद्यालय, कसबा के प्रांगण में स्थित पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित किया गया। प्रमुख वक्ता प्रेमशंकर मिश्रा ने उन्हें लौहपुरुष एवं धरतीपुत्र कहकर संबोधित किया तथा उनके योगदान को सराहा। उन्होंने स्वर्गीय आजाद के जीवन से प्रेरणा लेकर सदा आगे बढ़ने का संकल्प लिया । कार्यक्रम के पूर्व पंडित सुधीर शास्त्री द्वारा मंत्रोच्चारण भी किया गया। तत्पश्चात सादगीपूर्ण तरीके से स्वर्गीय आजाद की नौवीं पुण्यतिथि मनाकर शत शत नमन किया गया। उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय आजाद स्कूली जीवन के दौरान ही तत्कालीन ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी की जंजीरों में जकड़े भारत को आजाद कराने के लिए सक्रिय हो गए थे। सन 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जिला स्कूल भागलपुर के छात्र रहे भागवत झा आजादी की लड़ाई में कूद पड़े थे। एक प्रदर्शन के पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर पिटाई भी की थी। नाम पूछने पर उन्होंने अपना नाम आजाद बताया था। उसके बाद ही भागवत झा के साथ उन्होंने उपनाम आजाद जोड़ लिया था। देश को आजादी मिलने के बाद 1952 के पहले लोकसभा चुनाव में स्वर्गीय आजाद गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित होकर देश के सर्वोच्च पंचायत में पहुंचे थे। अपनी प्रखर भाषण शैली से उन्होंने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को काफी प्रभावित किया था। युवा आजाद की प्रतिभा से पंडित नेहरू काफी प्रभावित थे। यही कारण है कि पंडित नेहरू के प्रधानमंत्रित्व काल में जब उनकी बेटी इंदिरा गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं, तो नेहरू जी ने भागवत झा आजाद को इंदिरा गांधी के निजी सलाहकार के लिए लगा दिया था। इंदिरा गांधी जब प्रधानमंत्री बनीं, तो उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में भागवत झा आजाद को महत्वपूर्ण विभाग का मंत्री बनाया था। सन 1986 में भागवत झा आजाद संयुक्त बिहार के मुख्यमंत्री बनाए गए थे। अपने मुख्यमंत्री काल के दौरान उन्होंने बिहार में सक्रिय कोल माफिया, शिक्षा माफिया, कोऑपरेटिव माफिया के खिलाफ जंग छेड़ दिया था। अपराधियों के राजनीति करण के खिलाफ मुहिम छेड़ दी थी।