मास्क के मुद्दे पर ग्रामीण की बेरहमी से पिटाई करने वाले ठाकुरगंगटी थाना के एएसआई निलंबित – मारपीट संबंधी वायरल वीडियो सत्य पाए जाने पर एसपी ने की कार्रवाई
अभय पलिवार/शाहीन खां
गोड्डा।
पेट दर्द से तड़पती बेटी का इलाज कराने आए एक ग्रामीण के साथ मास्क के मुद्दे पर सरेआम बेरहमी से पिटाई करने वाले ठाकुरगंगटी थाना के सहायक अवर निरीक्षक पंकज कुमार को पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया है। ग्रामीण की एएसआई द्वारा सरेआम पिटाई संबंधी वायरल वीडियो जांच में सत्य पाया गया। पुलिस अधीक्षक वाइएस रमेश के अनुसार, 30 सितंबर को उन्हें एक पुलिस पदाधिकारी द्वारा ग्रामीण के साथ मारपीट करने संबंधी वायरल वीडियो प्राप्त हुआ। जिसकी सत्यता की जांच करने पर पाया गया कि वायरल वीडियो में ठाकुरगंगटी थाना के सहायक अवर निरीक्षक पंकज कुमार के द्वारा आम जनों के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया है। उक्त कृत्य से पुलिस की छवि आम जनों के बीच धूमिल हुई है। पुलिस अधीक्षक श्री रमेश द्वारा जारी निलंबन संबंधी विभागीय आदेश के अनुसार, पुलिस एक अनुशासित विभाग है। इसके अंतर्गत रहकर एक पुलिस पदाधिकारी के द्वारा इस तरह का कार्य किया जाना इनके कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही, मनमानेपन आचरण, अनुशासनहीनता एवं एक अयोग्य पुलिस पदाधिकारी होने के गुण को परिलक्षित करता है। उक्त त्रुटि के लिए ठाकुरगंगटी थाना के एएसआई पंकज कुमार को तत्काल प्रभाव से सामान्य जीवन यापन भत्ता पर निलंबित किया जाता है।
एसपी की कारवाई स्वागत योग्य:
पुलिस अधीक्षक द्वारा द्वारा खाकी वर्दी के रौब में चूर एएसआई के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई से जनमानस के बीच अच्छा संदेश गया है। उल्लेखनीय है कि पुलिस अधीक्षक श्री रमेश अपने अधीनस्थ पुलिस पदाधिकारियों को आम जनों के साथ बेहतर ढंग से पेश आने की हिदायत देते रहे हैं। पुलिस पब्लिक के बीच अच्छे रिश्ते के हिमायती रहे हैं। बावजूद इसके कतिपय कनीय पुलिस पदाधिकारी अपने वरीय पदाधिकारी एसपी के आदेश को नजरअंदाज करना अपनी शान समझते हैं । पुलिसिया रौब में आम जनता को हीन दर्जे का इंसान मानकर उनके साथ बुरा बर्ताव करते हैं। वायरल वीडियो के आधार पर एसपी द्वारा की गई कार्रवाई के बाद अपने आपको कानून से ऊपर समझने वाले कनीय पुलिस पदाधिकारियों को भी एक रचनात्मक संदेश गया है।
वर्दी के रौब में चूर रहते थे निलंबित एएसआई:
मास्क नहीं रहने के कारण डॉक्टर की शिकायत पर ग्रामीण संजय तांती की खुलेआम निर्दयता पूर्वक पिटाई करने वाले निलंबित एएसआई पंकज कुमार की ख्याति खाकी वर्दी के नशे में चूर रहने वाले पुलिस पदाधिकारी के रूप में ठाकुरगंगटी इलाके में बनी हुई थी। बेवजह डंडा चमकाना एवं निर्दोष ग्रामीणों के साथ मारपीट करना उनकी दिनचर्या में शुमार था। आश्चर्य की बात तो यह है कि मास्क के मुद्दे पर जब एएसआई ग्रामीण संजय तांती की बर्बरता पूर्वक पिटाई कर रहे थे, उस समय खुद एएसआई पंकज कुमार एवं उनके साथ दो पुलिस जवान बिना मास्क के ही थे। ऐसी स्थिति में यह सवाल उठना लाजिमी है कि मास्क पहनने संबंधी कानून क्या सिर्फ आम लोगों के लिए है या पुलिस पदाधिकारियों के लिए भी? यदि एएसआई पंकज कुमार चाहते तो गरीब ग्रामीण संजय तांती की बेरहमी पूर्वक पिटाई करने के बदले उसे मास्क दे सकते थे। लेकिन मास्क देने के बदले उन्होंने संजय को पुलिसिया मार देने का काम किया।
लॉकडाउन के दौरान दिखा था पुलिस का मानवीय चेहरा:
जबकि कोरोनावायरस के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान गोड्डा पुलिस का मानवीय चेहरा आम लोगों के सामने आया था। पूर्ववर्ती पुलिस कप्तान एसपी वर्णवाल की अगुवाई में इसी गोड्डा जिले की पुलिस जगह जगह निशुल्क भोजन शिविर संचालित कर रही थी। अनाज के अभाव में जिन गरीबों के घर में चूल्हा नहीं जल पा रहा था, जानकारी मिलने पर उन गरीबों की सुधि लेते हुए पुलिस खाद्यान्न तक दे रही थी। बगैर मास्क के राह चलते राहगीरों को मास्क बांट रही थी। लेकिन ठाकुरगंगटी थाना के निलंबित एएसआई ने मास्क के सवाल पर एक ग्रामीण की बर्बरता पूर्वक पिटाई करके पुलिस के मानवीय चेहरा को दाग लगाने का काम किया।
पुलिस को बुलाने वाले डॉक्टर भी बिना मास्क के थे:
इस घटनाक्रम का सबसे हैरत नाक पहलू यह भी है कि बगैर मास्क के संजय तांती की बेटी का इलाज करने से इनकार करते हुए पुलिस को बुला लेने वाले हरि देवी रेफरल अस्पताल, ठाकुरगंगटी के ऑन ड्यूटी चिकित्सक भी बिना मास्क के थे। यदि संजय ने मास्क नहीं पहन कर कानून का उल्लंघन किया, तो डॉक्टर विवेकानंद ने भी मास्क संबंधी कानून का सम्मान नहीं किया। जबकि डॉक्टर भी यह बात भली-भांति जान रहे थे कि अनेक चिकित्सक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। ठाकुरगंगटी अस्पताल के भी चिकित्सक कोरोना की चपेट में आकर ठीक हो चुके हैं। बावजूद इसके मास्क नहीं पहनने वाले ऑन ड्यूटी डॉक्टर विवेकानंद ने क्या कानून का उल्लंघन नहीं किया? यदि हां, तो सवाल उठता है कि स्वास्थ्य विभाग ने इस चिकित्सक के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की है? चिकित्सक में यदि जरा भी मानवता होती तो पुलिस को बुलाने के बदले संजय तांती एवं पेट दर्द से तड़पती उसकी बेटी को मास्क देकर इलाज शुरू कर सकते थे। स्वास्थ्य विभाग में फंड की कमी नहीं है। लेकिन चिकित्सक ने मास्क देने के बदले संजय तांती को पुलिस के हवाले करना ही मुनासिब समझा।
क्या है मामला: एक दिन पूर्व बुधवार को पेट दर्द से तड़पती बेटी का इलाज कराने हरि देवी रेफरल अस्पताल, ठाकुरगंगटी पहुंचे संजय तांती को ऑन ड्यूटी चिकित्सक ने दो टूक कहा कि मास्क पहन कर आओ, तभी इलाज होगा। संजय यह कहकर डॉक्टर से आरजू मिन्नत करता रहा कि उसके पास दवाई खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं। वह मास्क नहीं खरीद सकता है। लेकिन पत्थर दिल डॉक्टर पर कोई असर नहीं पड़ा और इस पत्थर दिल डॉक्टर ने दर्द से तड़पती संजय तांती की बेटी का इलाज करने के बदले फोन करके पुलिस बुला लिया। उस कठोर पुलिसकर्मी ने गरीब संजय तांती की मजबूरी को नहीं समझा और पुलिसिया डंडे की बौछार करने लगा। पुलिस के हर डंडे पर संजय कह रहा था, ” मुझे क्यों मार रहे हैं? मेरा क्या कसूर है?” लेकिन संजय तांती की इन बातों का जवाब बेरहम एएसआई पंकज कुमार और जोर-जोर से डंडा बरसा कर दे रहा था। बहरहाल, रेफरल अस्पताल के प्रांगण में बेटी पेट दर्द से तड़प रही थी और बाहर पुलिस या मार खाकर पिता दर्द से कराह रहा था।