दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर नियंत्रण के लिए सभी वर्ग के लोगों के आगे आने की जरूरत : प्रेम नंदन
– कहा, दुष्कर्मियों एवं उनके संरक्षकों के खिलाफ सख्ती से लड़ाई लड़ने की जरूरत
गोड्डा।
सूरज मंडल कॉलेज, पोड़ैयाहाट के प्राचार्य प्रेम नंदन कुमार ने जिले में बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए इस पर रोक लगाने के लिए सामाजिक जागरण की आवश्यकता पर बल दिया है। प्रोफेसर कुमार ने कहा है कि आए दिन समाज में हो रहे दुष्कर्म की घटनाएं संपूर्ण समाज को शर्मसार कर रहा है। गोड्डा का इतिहास अपने निकटवर्ती जिला के अपेक्षा काफी अच्छा है। गोड्डा का सामाजिक ढांचा, शिक्षा का स्तर, धार्मिक एवं सांस्कृतिक संरचना उच्च कोटि का है। फिर भी लगातार हो रहे दुष्कर्म की घटनाओं ने हम तमाम बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों, राजनीतिज्ञों, व्यवसायियों एवं अन्य सभी वर्गों को झकझोर कर रख दिया है और यह सोचने के लिए मजबूर कर रहा है कि यदि यहां की स्थिति ऐसी ही रही तो अपनी बहू बेटियों की इज्जत बचाना मुश्किल हो जाएगा। बच्चियों एवं महिलाओं का घर से निकलना दूभर हो जाएगा। ऐसे परिवेश में क्या बच्चियां निर्भीक होकर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगी? ऐसी स्थिति में नारी शिक्षा, बेटी पढ़ाओ – बेटी बचाओ जैसे कार्यक्रमों का क्या हश्र होगा ? यह सारी बातें हमें यह सोचने के लिए मजबूर कर रहा है कि हमारा समाज किस ओर जा रहा है। ऐसी घटनाओं पर हम बुद्धिजीवी वर्ग घरों में, कार्यालयों में, मित्रों के साथ वार्तालाप कर कभी पुलिस प्रशासन को कोसते हैं तो कभी केवल घटना की भर्त्सना कर अपनी जिम्मेवारी से मुक्त हो जाते हैं। राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता इसके लिए सरकार को दोषी मानते हुए उनकी शासन व्यवस्था को विफल बता कर दोषियों को सजा दिलाने की मांग कर अपने कर्तव्य को पूर्ण समझ लेते हैं। सरकारी तंत्र और सत्तारूढ़ राजनीतिक दल दुष्कर्मियों के ऊपर ठोस कार्रवाई करने का आश्वासन देकर अपने दायित्व से मुक्त हो जाते हैं। लेकिन क्या इतने मात्र भर से समाज में आए बड़े नैतिक पतन का अंत संभव हो पाएगा। प्रोफेसर कुमार के अनुसार, उनकी समझ से यह कतई संभव नहीं है। समाज में आ रही बुराइयों, नैतिकता की घोर कमी, अश्लील हरकतें, दुष्कर्म आदि पर रोक केवल पुलिस महकमा एवं प्रशासनिक तंत्र से संभव नहीं है। सामाजिक दिशा और दशा में सुधार, नैतिक मूल्यों का संरक्षण, चोरी, हिंसा एवं दुष्कर्म आदि घटनाओं की रोकथाम के लिए हम समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों, व्यवसायिक वर्गों के साथ तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं सहित धार्मिक संगठन के सभी व्यक्तियों को एक मंच पर आकर अपने भेदभाव को भुलाते हुए समाज में जागरूकता लाने का कार्य विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से करना पड़ेगा। दुष्कर्मी और दुराचारियों के खिलाफ एवं उनको संरक्षण देने वाले के खिलाफ भी हमें मिलकर सख्ती से लड़ाई लड़ना पड़ेगा। ऐसी घटनाओं की गहराई में जब हम जाते हैं तो पता चलता कि इसके कई कारण हैं। जिसमें मुख्य कारण खासकर युवाओं में शराब, चरस, ड्रग्स आदि के सेवन के प्रति झुकाव बढ़ना। साथ ही फेसबुक, यूट्यूब आदि पर अश्लील तस्वीरें एवं लघु कथाएं हैं। ऑनलाइन शिक्षा के इस दौर में बच्चे एंड्राइड फोन से पढ़ते कम है और अश्लील तस्वीरें तथा धारावाहिक अधिक देखते हैं। यदि ऐसी चीजों पर रोक लगाया जाए तो समाज में दुष्कर्म की घटनाओं पर रोक लग सकता है। इसके लिए हम तमाम लोगों को मिलकर शराब की बिक्री खासकर अवैध शराब , जो यत्र तत्र हर जगह उपलब्ध है उस पर पूर्णत: रोक लगाने के लिए मिलकर सड़क से सदन तक चर्चाएं करनी चाहिए। साथ ही यूट्यूब एवं फेसबुक पर अश्लील तस्वीरें, धारावाहिक आदि अपलोड ना हो इसके लिए सरकार को एक कड़ा कानून बनाने के लिए बाध्य करना चाहिए। तभी ऐसी घटनाओं पर विराम लगाया जा सकता है