ग्रामीण विकास ट्रस्ट-कृषि विज्ञान केंद्र के तत्वावधान में गोड्डा प्रखंड के ग्राम चकेश्वरी में राष्ट्रीय पोषण माह के तहत पोषण जागरूकता अभियान कार्यक्रम आयोजित किया गया। पोषण अभियान की थीम “संतुलित भोजन, स्वस्थ जीवन” है। गृह वैज्ञानिक डाॅ प्रगतिका मिश्रा ने बताया कि संतुलित आहार एक ऐसा भोजन या आहार है जिसमें सभी पोषक तत्व संतुलित मात्रा में हों। गर्भवती महिला के भोजन में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट्स, विटामिन, खनिज-लवण व जल आदि का समुचित संतुलन होना जरूरी है। गर्भवती महिला को आहार मे प्रतिदिन 1500 -1600 मिलीग्राम कैल्सियम मिलना चाहिए। गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य और मजबूत हड्डियों के लिए कैल्सियम की आवश्यकता होती है। कैल्सियम युक्त आहार में दूध और दूध से बने उत्पाद (मक्खन, पनीर, दही), मेथी, चुकंदर, अंजीर, अंगूर, तरबूज, तिल, उड़द, बाजऱा, मांस आदि का समावेश होता है। इस दौरान पोषण थाली एवं पोषण माला के विषय में बताया गया। पांच परिवार को न्यूनतम आवश्यक सब्जी एवं स्थानीय फलों की प्राप्ति हेतु पोषण वाटिका माॅडल को गांव में स्थापित करने के लिए प्रेरित किया गया। कृषि प्रसार वैज्ञानिक डाॅ रितेश दुबे ने कहा कि पालक के जूस में विटामिन ए, विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो मृत कोशिकाओं को अलग कर नई कोशिकाओं को बनाने में मदद करती है। अस्वस्थ शरीर में ब्लड की मात्रा कम होने से बाल कमजोर होने के कारण गिरने लगते है। ऐसे समय में पालक के रस का सेवन करना शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। अन्त में सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं एवं पोषण सखियों को अमरूद के पौधे वितरित किया गया। द्रौपदी देवी, कंचन चौधरी, पूजा कुमारी, सुदर्शना कुमारी, बबली देवी, पूनम देवी, नंद किशोर मिश्रा, प्रहलाद मिश्रा समेत 44 आंगन बाड़ी कार्यकर्त्ता, पोषण सखी एवं किसान पोषण जागरूकता अभियान कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।