प्रवासी श्रमिकों को दिया जा रहा केंचुआ खाद उत्पादन का प्रशिक्षण
गोड्डा। ग्रामीण विकास ट्रस्ट-कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में “गरीब कल्याण रोजगार अभियान” के अन्तर्गत प्रवासी श्रमिकों के जीविकोपार्जन हेतु दक्षता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत केंचुआ खाद उत्पादन विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ वरीय वैज्ञानिक-सह- प्रधान डाॅ रविशंकर एवं डाॅ अमितेश कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया गया। डाॅ रविशंकर ने प्रवासी श्रमिकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि केंचुआ खाद पोषण पदार्थों से भरपूर एक उत्तम जैविक खाद है। जैविक खाद केंचुआ के द्वारा गोबर, वनस्पतियों एवं भोजन के कचरे आदि को विघटित करके तैयार किया जाता है। केंचुआ खाद में बदबू नहीं होती है, मक्खी एवं मच्छर नहीं बढ़ते है तथा वातावरण प्रदूषित नहीं होता है। तापमान नियंत्रित रहने से जीवाणु क्रियाशील तथा सक्रिय रहते हैं। केंचुआ खाद डेढ़ से दो माह के अंदर तैयार हो जाता है। इसमें 2.5 से 3 प्रतिशत नाइट्रोजन, 1.5 से 2 प्रतिशत सल्फर तथा 1.5 से 2 प्रतिशत पोटाश पाया जाता है। केंचुआ खाद के उपयोग से मृदा शक्ति को कुछ सीमा तक बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गोड्डा जिला के किसान सीमान्त तथा लघु श्रेणी में आते हैं, जो कि खेती करने के लिए उर्वरक खरीदने में असमर्थ होते हैं। ऐसी स्थिति में प्रवासी श्रमिक केंचुआ खाद को कुटीर उद्योग के रूप में भी अपना सकते हैं तथा मांग के आधार पर खाद की दुकानों में बेचकर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। सस्य वैज्ञानिक डाॅ अमितेश कुमार सिंह ने प्रवासी श्रमिकों को केंचुआ खाद तैयार करने की विधि, केंचुआ की आॅस्ट्रेलियन प्रजाति (आईसीनिया फोटिडा तथा युड्रिलस युजिनी), केंचुआ खाद से लाभ के बारे में बताया। बीज उपचार करने के लिए बीजामृत, जीवामृत, पंचगव्य तथा जैविक कीटनाशी नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्नेयात्र, संजीवक तैयार करने की विस्तृत जानकारी दी। सभी प्रवासी श्रमिकों के बीच “केंचुआ खाद उत्पादन” पुस्तिका का वितरण किया गया। मौके पर डाॅ सतीश कुमार, डाॅ सूर्यभूषण, डाॅ हेमन्त कुमार चौरसिया, डाॅ प्रगतिका मिश्रा, डाॅ रितेश दुबे, रजनीश प्रसाद राजेश, राकेश रौशन कुमार सिंह, वसीम अकरम मौजूद रहे। मनोज मांझी, रवि साह, कुन्दन कुमार राउत, उपेन्द्र कुमार गोड़ाईत, प्रकाश मंडल, दीपक कुमार, नाजिम अंसारी, रजव अली, जुल्फीकार अंसारी समेत 35 प्रवासी श्रमिक प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए।