प्रवासी श्रमिकों को दिया जा रहा फल एवं सब्जी प्रसंस्करण का प्रशिक्षण
गोड्डा।
ग्रामीण विकास ट्रस्ट-कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में “गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अन्तर्गत प्रवासी श्रमिकों के जीविकोपार्जन हेतु दक्षता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत “फलों एवं सब्जियों का प्रसंस्करण और मूल्य संवर्द्धन” विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार को वरीय वैज्ञानिक-सह- प्रधान डाॅ रविशंकर एवं गृह वैज्ञानिक डाॅ प्रगतिका मिश्रा ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया। मौके पर वरीय वैज्ञानिक-सह- प्रधान डाॅ रविशंकर ने प्रवासी श्रमिकों से कहा कि फल एवं सब्जियां मनुष्य के आहार का एक आवश्यक घटक है। फल और सब्जियों का प्रसंस्करण में उद्यम विकसित करने की अपार संभावनाएं हैं। फल एवं सब्जियां मौसमी होती हैं और किसी खास मौसम में इनकी प्रचुर मात्रा उपलब्ध होती है। अत: प्रसंस्करण द्वारा इन्हें मूल्य संवर्द्धन सहित इनकी भंडारण क्षमता को बढ़ाकर उपयोगी उत्पाद के रूप में आमदनी एवं स्वरोजगार के अवसर को बढ़ाया जा सकता है। गृह वैज्ञानिक डाॅ प्रगतिका मिश्रा ने प्रवासी श्रमिकों को फलों एवं सब्जियों के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्द्धन करके जैम, जेली, चटनी, स्क्वास, फल रस, सूखी हुई एवं प्रशीतित फल एवं सब्जियाँ तथा डिब्बा बन्द फल एवं सब्जियां, महुआ, गाजर, मूली एवं करेला का अचार तैयार करने की विस्तृत जानकारी दी। कहा कि ओल गोड्डा जिला का मुख्य फसल है। यहां के प्रगतिशील किसान ओल की खेती मुख्य रूप से करते हैं। प्रवासी श्रमिक ओल का मूल्य संवर्द्धन करके अचार, बर्फी, भुजिया, लड्डू, हलवा, रसगुल्ला बनाकर बाजार में आसानी से बेचकर जीविकोपार्जन कर सकते हैं। मौके पर डाॅ सतीश कुमार, डाॅ. सूर्यभूषण, डाॅ हेमन्त कुमार चौरसिया, डाॅ अमितेश कुमार सिंह, डाॅ रितेश दुबे, रजनीश प्रसाद राजेश, राकेश रोशन कुमार सिंह, वसीम अकरम मौजूद रहे। प्रशिक्षण में दीप्ति कुमारी, सुनीता कुमारी, सरिता देवी, रेखा देवी, फिरोजा बीबी, सकीना खातून समेत 35 प्रवासी श्रमिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।