इस्लामिक नए साल पर कोरोना का खात्मा व मस्जिदों को आबाद करने की दुआ मांगी
पाकुड़।
नए इस्लामिक कैलेंडर के शुरुआत के मौके पर लोगों ने अपने घरों व मस्जिदों में कोरोना महामारी के खात्मे व मस्जिदों को फिर से आबाद करने के मद्देनजर शुक्रवार को विशेष नमाज अदा की।मालूम हो कि आज का दिन आलमे इस्लाम के लिए बहुत ही मुबारक दिन है। आज से इस्लामिक कैलेंडर के लिए नए साल का आगाज़ हुआ। उस पर पर जुम्मा का होना बहुत ही मुबारक माना जा रहा है। इस्लाम धर्मावलंबियों ने नये साल के पहले जुम्मा की नमाज़ अपने घरों के अलावा सरकार के गाइड लाइन पर अमल करते हुए मस्जिदों अदा की। हरिणडांगा जामा मस्जिद के नायब ईमाम मौलाना कुर्बान अली ने मौके पर इमाम समेत कुल पांच लोगों को नमाज अदा करायी। साथ ही लोगों ने कोरोना महामारी के पूरी दुनिया से खात्मा के लिए दुआ की। साथ ही साथ जो लोग इस बीमारी जूझ रहे हैं उनके जल्द स्वस्थ होने की दुआ की गई। मौके पर मौलाना अली ने कहा कि मुहर्रम अल हराम महीना इस्लामिक कलेंडर का पहला महीना है ये गम का महीना है इसी माह में हसन- हुसैन इस्लाम की हिफाजत की खातिर शहीद हुए थे।उन्होंने कहा कि पहली से दस तारिख तक रोजा रखना शवाब का मुस्तहक़ है। मौलाना अली ने कहा कि अगर दस रोज ना रख पाए तो नौवीं और दसवीं का रोजा जरूर रखें और अल्लाह की राह में इबादत करें।इस मुबारक मौके पर अपने गुनाहों से तौबा करें। मुहर्रम की दस तारीख जो योम अशुराह कहलाता है की इबादत का खास मकाम है। उन्होंने लोगों को नए साल की मुबारकबाद दी और कोरोना बीमारी के खात्मे के साथ ही पूरी दुनिया की हिफाजत की दुआ की। साथ ही सरकार से इबादत गाहों(मस्जिदों) को खोलने की इजाजत देने की मांग की।