प्रवासी श्रमिकों को दिया गया बकरी पालन का प्रशिक्षण
गोड्डा।
ग्रामीण विकास ट्रस्ट- कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अन्तर्गत प्रवासी श्रमिकों के जीविकोपार्जन हेतु ‘दक्षता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम” के तहत “बकरी पालन” विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हो गया। वरीय वैज्ञानिक-सह-प्रधान डाॅ रविशंकर ने प्रवासी श्रमिकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बकरी पालन का व्यवसाय 5 – 8 बकरियों से भी शुरू कर सकते हैं। जिला में ब्लैक बंगाल प्रजाति के बकरी-बकरे का पालन मांस के व्यवसाय के लिए बड़े पैमाने पर होता है। बकरी एवं बकरे के मांस की मांग वृहद स्तर पर होने से प्रवासी श्रमिकों के लिए बकरी पालन का व्यवसाय आमदनी को दुगुनी करने का अच्छा स्वरोजगार साबित हो सकता है। पशुपालन वैज्ञानिक डाॅ सतीश कुमार ने बकरी पालन के तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान बकरी की नस्ल, खान-पान की व्यवस्था, आवास प्रबंधन, टीकाकरण, हाइड्रोपोनिक तकनीक, रोग प्रबंधन की विस्तृत जानकारी दी। कहां कि बकरियों को हरा चारा खिलाने के लिए बरसीम की खेती, नेपियर घास, सूडान घास, सुबबूल, अजोला, कटहल, सहजन, कसावा के पौधे लगाएं। इंडियन बैंक के वित्तीय साक्षरता पदाधिकारी अनूप कुमार ने किसान क्रेडिट कार्ड के विषय में बताया कि कैसे मात्र एक प्रतिशत ब्याज पर किसान क्रेडिट कार्ड से लोन प्राप्त कर सकते हैं और फसलों का बीमा करवा कर मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं। किसान स्वयं का पचास हजार रूपये तक का बीमा कराके लाभ ले सकते हैं एवं बिना किसी गारंटी के एक लाख साठ हजार रूपये तक ऋण प्राप्त कर सकते हैं। प्रधानमंत्री जनधन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, अटल पेंशन योजना की विस्तृत जानकारी दी। सभी प्रवासी श्रमिकों को सुबबूल का बीज एवं प्रमाण पत्र वितरित किया गया। कृषि प्रसार वैज्ञानिक डाॅ रितेश दुबे ने धन्यवाद ज्ञापित किया। मौके पर डाॅ सूर्यभूषण, डाॅ हेमन्त कुमार चौरसिया, डाॅ अमितेश कुमार सिंह, डाॅ प्रगतिका मिश्रा, राकेश रौशन कुमार सिंह, वसीम अकरम, राजेश आदि मौजूद रहे। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रवासी श्रमिकों में अनन्त राम पंडा, मांजरण पंडित, सुबोध कापरी, कुन्दन यादव, दयानंद महतो समेत 35 प्रवासी श्रमिक प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए।