मेरी कलम से/शहीद जवानों को श्रद्धांजलि
मेरी कलम, से प्रसंग वश,” शहीद जवानों को श्रद्धांजलि “भारत चीन लद्दाख सीमा विवाद पर भारत के वीर जवान जवानों की शहादत पर मेरी संवेदना के चंद आसार एक कविता के माध्यम से श्रद्धांजलि स्वरूप वीरों के सम्मान में समर्पित है।
ऐ वीरो ! तुझे नमन है,
ऋणी तेरा धरा का कण कण है,
देख तेरी वीरता की कहानी,
तुझ को समर्पित यह चमन है।।
किस तरह निहत्थे तुम लड़े,
साक्षी बनी धरा और गगन है,
एक एक थे दस दस पर भारी,
नत मस्तक चीन, देख रही दुनिया सारी ।।
मातृभूमि की रक्षा के लिए ,
तुमने जो कर दिखलाया है,
वीरता की हर कहानी ,
इसके आगे झूठ लाया है ।।
यह धरती है वीरों की,
शुरों की ,शहीदों की,
यहां छल से नहीं होता काम ,
अपने बाहुबल से देते हम हर अंजाम ।।
भारत के वीरों के हुंकार से,
गुंजमा है घाटी और वादियां ,
अमर शहीदों ने लिख डाले,
वीरता की अमर कहानियां ।।
जियो जियो ऐवीर! पुत्र तुम ,
मातृभूमि के पावन लाल,
दुश्मन के दांत खट्टे कर,
दिखलाए तुमने अनेकों कमाल।।
भारत के गौरव को तुमने ,
आगे बहुत बढ़ाया है ,
सहनशीलता ,धैर्यशीलता है ताकत,
यह दुनिया को बतलाया है ।।
देश के खातिर मर मिटे जो ,
कहीं मारते कहीं मरते गए जो ,
दुश्मन के सीने को चीर कर,
निकल बढ़े हर वीर महान।।
अब ना कोई निगाह डाले कभी,
भारत की सीमाओं पर ,
सर पर कफ़न बांधे चली है ,
वीरांगनाएं सीमाओं पर ।।
मातृभूमि की लज्जा के खातिर ,
वीरों ने दे दी अपनी कुर्बानी ,
वीरता के नक्षत्र मंडल पर
चमकेगा उसकी सदा अमर कहानी।।
आक्रमण की रीत नहीं यहां ,
हमें प्रेम सद्भाव बढ़ाने आता है ,
सरका कौन सकता मां का आंचल,
हमें वह हाथ काटने आता है ।।
आइए सरहदों पर तैनात जवानों के मनोबल को बढ़ाएं, कुछ कदम अपने वतन के लिए भी उठाएं ।
हम है डॉ मनोज कुमार राही
घटियारी, गोड्डा, झारखंड ।