Godda News: ठाकुर गंगटी में मनरेगा योजनाओं में हो रहा मशीन का उपयोग – मापदंडों को ताक पर रखकर बिचौलिया करा रहे कार्य
ठाकुर गंगटी में मनरेगा योजनाओं में हो रहा मशीन का उपयोग – मापदंडों को ताक पर रखकर बिचौलिया करा रहे कार्य
विजय कुमार की रिपोर्ट
मेहरमा ।
महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना में ठाकुरगंगटी प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में लूट मची हुई है। कई ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों में योजना के सभी मापदंडों को ताक पर रखकर कार्य कराया जा रहा है। इस्टीमेट के विपरीत काफी घटिया मेटेरियल का उपयोग कराया जा रहा है। वहीं मास्टर रोल में मजदूरों व उनके जॉब कार्ड का नंबर दर्ज कर लिया जा रहा है।
मालूम हो कि मनरेगा साल 2005 में लागू हुआ था। इस योजना का मकसद गांवों के समुचित विकास के साथ गांव के बेरोजगारों को रोजगार देना था।
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इस अधिनियम के जरिए हर ग्रामीण बेरोजगार को 100 दिनों के काम की गारंटी दी गई थी। इसके लिए ग्रामीण बेरोजगारों का जॉब कार्ड बनाया गया था। काम में गड़बड़ी न हो इसके लिए कानूनी प्रक्रिया बनाई गई थी। लेकिन भ्रष्ट पदाधिकारियों, कर्मियों और बिचौलियों ने इस कानून की ऐसी काट निकाली कि कोई पकड़ नहीं सके। मजदूर सही, जॉब कार्ड सही लेकिन मास्टर रोल फर्जी।
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काम करेगी ट्रैक्टर मशीन लेकिन मास्टर रोल में जॉब कार्ड नंबर के साथ रहेगा मजदूरों का नाम। मजदूरों का जॉब कार्ड थोक में बिचौलियों के पास होगा, इसके एवज में मजदूर को कभी-कभार पैसा निकासी के समय कुछ टोकन मनी मुफ्त में मिल जाता है। इस तरह से सरकारी तंत्र एवं विचौलिये की मिलीभगत से मनरेगा अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इधर बुद्धिजीवी ग्रामीणों का मानना है कि प्रखंड में चल रहे मनरेगा कार्यों का वरीय पदाधिकारी से निष्पक्ष जांच कराई जाए तो करोड़ों रुपये का पर्दाफाश हो सकता है ।वहीं इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी मेघनाथ उरांव से टेलीफोन पर पक्ष जानने के लिए जानकारी लेने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
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