अंधाधुंध बालू के दोहन से भलसुंधिया ग्रामवासी परेशान – गोचर जमीन, श्मशान जमीन के बाद पगडंडी ही खोद डाला बालू माफिया ने – जानकारी देने के बावजूद प्रशासन मूकदर्शक की भूमिका में पथरगामा से नितेश रंजन की रिपोर्ट पथरगामा। बालू माफिया के कारनामों के कारण भलसुंधिया ग्रामवासी परेशान हैं। बालू माफियाओं के दुस्साहस एवं प्रशासन की उदासीनता के कारण ग्रामीणों में असंतोष गहराता जा रहा है। बालू माफियाओं के द्वारा भलसुंधिया ग्राम की गोचर जमीन, शमशान जमीन को बेरहमी पूर्वक खोद कर भालू का दोहन करने के बाद अब आवागमन के रास्ते से भी बालू का जवान किया जा रहा है।सापीन नदी के तट के ऊपर से पीपरा, सिमरिया और हरला टोला के लोग पथरगामा तक जाते थे। उस छोटे पगडंडी को भी बालू माफियाओं के द्वारा काट दिया गया है।अभी भी लॉक डाउन में अवैध बालू का उठाव किया जा रहा है । भलसुंधिया के ग्रामीण बालू माफियाओं के साथ काफी नोकझोंक कर रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी ग्रामीणों के विरोध को बालू माफिया द्वारा ठेंगा दिखाते हुए मनचाहे ढंग से बालू का उठाव कर रहे हैं। इस दिशा में प्रखंड प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। सूचना दिए जाने के बावजूद प्रखंड प्रशासन उदासीन एवं मूकदर्शक बना हुआ है। अब ग्रामीणों के द्वारा मना करने पर बालू माफियाओं के द्वारा कई तरह की धमकियां भी दी जा रही है ।अगर इस दिशा में प्रशासन ने पहल नहीं किया तो आने वाले दिन में सापीन नदी का अस्तित्व ही मिट जाएगा ।अगर इस नदी की अस्तित्व मिट गई तो लोग भूखे मरने लगेंगे । बताते चलें कि इसी नदी की धार से अठगामा डाड़ में पानी जाता है और उससे सैकड़ों एकड़ जमीन सिंचाई होती है। अगर बालू माफियाओं को प्रशासन के द्वारा नहीं रोका गया तो कई गांव के किसानों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। नदी का अस्तित्व ही नहीं रहेगा तो पर्यावरण की रक्षा कैसे होगी। वन विभाग के द्वारा सापीन नदी के तट पर पौधरोपण के लिए योजना बना रही है ।