कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए सभी प्रखंडों में हुआ मॉक ड्रिल का आयोजन

कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए सभी प्रखंडों में हुआ मॉक ड्रिल का आयोजन

गोड्डा।
कोरोनावायरस के आशंकित संक्रमण से निपटने के लिए जिले के सभी प्रखंडों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है, ताकि यदि जिले में कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति पाए जाते हैं तो उनका सही समय पर इलाज हेतु समुचित प्रबंध किया जा सके। मॉक ड्रिल के आयोजन में स्वास्थ्य विभाग के साथ जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन की टीम संयुक्त अभ्यास करती है । स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रशासन तथा पुलिस के सहयोग से एक पूर्वाभ्यास करती है कि यदि कोई व्यक्ति वास्तव में संक्रमित पाया जाएगा तो किस प्रकार से उसका इलाज प्रारंभ किया जाएगा।
साथ ही ग्रामीणों को कोरोना वायरस से संबंधित जानकारियां प्रदान की जा रही है। मॉक ड्रिल कार्यक्रम में प्रत्येक प्रखंडों के द्वारा एक सरकारी कर्मी को कोराना से संक्रमित मरीज मानकर उसका पहचान एवं जानकारी प्राप्त की जाती है। जांच हेतु एएनएम एवं सहिया के द्वारा पूरे गांव में सभी घरों की पूछताछ करती हैं। कोरोना से संक्रमित बनाए गए व्यक्ति से डॉक्टर द्वारा कई सवाल पूछे जाते हैं। जैसे- कहां से आए हो, किस से किस से मिले हो, क्या तकलीफ है इत्यादि सवाल पूछे जाते हैं। संक्रमित व्यक्ति को कैसे बचाना है। इसके बारे में आम जनता को बताते हुए उन्हें स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कोरेनटाइन में 14 दिनों तक रखने के लिए ले आया जाता है। चिकित्सकों के द्वारा कोरोना वायरस से संबंधित जानकारियां गांव वालों को प्रदान की जाती है । उनके द्वारा बताया जाता है कि इस बीमारी से भयभीत नहीं होना है , केवल बचाव करना है ।सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना है।समय-समय पर साबुन एवं हैंड वॉश से हाथ साफ करना है।एक दूसरे से हाथ नहीं मिलाना है।एक दूसरे से बीच में करीब एक मीटर की दूरी पर रहना है। चेहरे पर मास्क का उपयोग करना है‌
इत्यादि जानकारी देकर कार्यक्रम को समाप्त करते हुए मरीज को एंबुलेंस में बैठाकर अस्पताल ले जाया जाता है ।
प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं थाना प्रभारी द्वारा सैनिटाइजर छिड़काव करने वाले कर्मी को संक्रमण प्रभावित इलाकों में सभी के घरों को सैनिटाइजर के जरिये सेनीटाइज किया जा सके। अगर कोई व्यक्ति अपने घरों को सैनिटाइजर कराने से इनकार करता है तो इसकी सूचना थाना प्रभारी एवं प्रखंड में दिए जाएं ताकि उनपर आवश्यक कार्रवाई की जा सके। पूरी संक्रमित गांव अथवा शहरों को तीन किलोमीटर एरिया तक पुलिस प्रशासन के द्वारा सील कर दिया जाता है ताकि कोई भी व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के क्षेत्र में प्रवेश ना कर सके एवं संक्रमण का प्रसार बहुत कम हो।
इस कार्यक्रम के दौरान प्रखंड के चिकित्सक, थाना प्रभारी ,पुलिस बल, प्रखंड के कर्मी गण, नर्स, एमपीडब्ल्यू एवं अन्य कर्मी का अहम योगदान होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अगर हां तो यहां दबाए
1
Need Help?
क्या आप कुछ खबरें देना चाहते है या खबर पाना चाहते है?