महागामा रेफरल अस्पताल की लचर प्रशासनिक व्यवस्था -ड्यूटी पर नहीं रहते चिकित्सक -ट्विटर संदेश पर मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए दिया कार्रवाई का निर्देश

महागामा रेफरल अस्पताल की लचर प्रशासनिक व्यवस्था
-ड्यूटी पर नहीं रहते चिकित्सक
-ट्विटर संदेश पर मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए दिया कार्रवाई का निर्देश
गोड्डा।
वैश्विक महामारी का रूप अख्तियार कर चुकी कोरोना वायरस को लेकर शासन एवं प्रशासन पूरी तरह संजीदा है। चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मियों की टीम वायरस से पीड़ित लोगों को बचाने के लिए लगी हुई है। सभी प्रमुख अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। लेकिन जिले के महागामा स्थित रेफरल अस्पताल की स्थिति संवेदनहीन बनी हुई है। चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं रहते हैं। रोगियों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।

कांग्रेस के सोशल मीडिया सेल के जिला प्रमुख अभिनव कुमार सिंह ने बताया कि महागामा रेफरल अस्पताल में जब सोमवार को
लोग जांच करवाने गए तो वहां बोला गया कि एक सप्ताह के बाद आइयेगा। बहुत लोगों के शिकायत पर जब ज़िला कांग्रेस सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर अभिनव कुमार सिंह जब रेफरल अस्पताल पहुंचे तो ड्यूटी पर न ही कोई डॉक्टर और न ही कोई स्टाफ मौजूद थे।
जब अभिनव कुमार ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर जेपी भगत को कॉल लगाया तो स्विच ऑफ था । तब उन्होंने सिविल सर्जन गोड्डा को कॉल कर सारी जानकारी दी । सिविल सर्जन डॉ एस पी मिश्रा ने अभिनव की बातों को सुनने के बाद कहा, कहा मैं देखता हूं। लेकिन उसके बाद कोई जवाब नहीं आया।
श्री सिंह ने बताया कि क्षेत्र के लोगों की ओर से लगातार शिकायत महागामा विधायक को भी आती है कि ड्यूटी पर कोई डॉक्टर नही रहते हैं। आधे घंटे तक कोई किसी चिकित्सक के नहीं आने पर अभिनव कुमार ने ट्विटर के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को ट्वीट करते हुए पूरी जानकारी दी। रिप्लाय में हेमन्त सोरेन ने मामले को संज्ञान में लेते हुए त्वरित समाधान करने का निर्देश गोड्डा उपायुक्त को दिया। जिस वक्त अभिनव अस्पताल में मौजूद थे, उस समय वहां महागामा दक्षिणी पंचायत के मुखिया विकास कुमार रजक के साथ कई मरीज मौजूद थे।

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