प्रधानमंत्री ने कहा-22 मार्च को लगायें जनता कर्फ्यू, कोरोना से निपटने के लिए मोदी ने मांगा समर्थन*

*प्रधानमंत्री ने कहा-22 मार्च को लगायें जनता कर्फ्यू, कोरोना से निपटने के लिए मोदी ने मांगा समर्थन*

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के लोगों को लग रहा है कि वे कोरोनो से सेफ हैं, सुरक्षित हैं, लेकिन कोरोना से निश्चिंत होने की ये सोंच सही नहीं है. पीएम ने कहा कि मैंने जो कुछ देशवासियों से जो भी मांगा है वो मुझे दिया है. आज मैं 130 करोड़ देशवासियों से कुछ मांगने आया हूं. मैं मांग रहा हूं कि मुझे आपका कुछ सप्ताह चाहिये. मुझे आपका कुछ समय चाहिये.

दुनिया के जिन देशों में कोरोना का कहर देखा जा रहा है, वहां ये देखा गया कि वहां अचानक से विस्फोट हुआ. अचानक से ये कहर बहुत तेजी से फैला. भारत सरकार, इस बीमारी के पूरे ट्रैक रिकार्ड पर बहुत करीब से नजर रखे हुए है. दुनिया के देशों ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को आइसोलेट करके स्थिति संभाला है.

भारत जैसे देश पर कोरोना का ये संकट सामान्य बात नहीं है. आज जब बड़े और विकसित देशों में महामारी की स्थिति देख रहे हैं तो भारत पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा ये मानना गलत है. इससे निपटने के लिए हमें संकल्प और संयम दृढ़ करना होगा. हमारे देश के नागरिकों को ये संकल्प करना होगा कि हम केंद्र और राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन करना होगा. आज हमें संकल्प लेना होगा कि हम खुद संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचायेंगे.

ऐसी स्थिति में जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है तो हमारा खुद स्वस्थ रहना सबसे जरूरी है. इस बीमारी से बचे रहने का दूसरा तरीका है संयम. संयम मतलब सोशल डिसटेंटिंग. सोशल डिसटेंटिंग सबसे कारगर माध्यम है जिससे इस महामारी के प्रभाव को कम किया जा सकता है. अगर आपको लगता है कि आप ठीक हैं और आपको कुछ नहीं होगा तो ये सोंच सही नहीं है. ऐसा करके आप अपने और अपने परिवार के साथ अन्याय करेंगे.

इसलिए मेरा सभी देशवासियों से आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक घर से निकलने से बचें. जब बेहद जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें. समाज के सभी लोगों को भीड़भाड़ से खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिये. मेरा आग्रह है कि हमारे परिवार में जो भी बुजुर्ग हैं जिनकी उम्र 60-65 साल से ज्यादा है वे घर से बाहर न निकलें.

पहले जब युद्ध की स्थिति होती थी तो गांव-गांव ब्लैक आउट होता था. आज मैं प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं. ये जनता कर्फ्यू है. जनता के लिए जनता द्वारा लगाया कर्फ्यू. इस रविवार को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू लगायें. इस दौरान कोई भी आदमी घर से बाहर न निकलें, न बाजार जायें और न ही ये देखने के लिए जायें कि कौन बाहर निकला है.

कोरोना वायरस पर पीएम मोदी ने देश को किया संबोधित
देशवासियों से पीएम मोदी का जनता कर्फ्यू का आह्वान
कोरोना वायरस पर देश में दहशत का माहौल बना हुआ है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रात 8 बजे कोरोना वायरस पर देश को संबोधित किया. देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस ने पूरी मानव जाति को संकट में डाला है. साथ ही पीएम मोदी ने देशवासियों को जनता कर्फ्यू का पालन करने के लिए भी कहा.देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘इस रविवार 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक देशवासी जनता कर्फ्यू का पालन करें. जनता कर्फ्यू का मतलब है जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू. 22 मार्च को हमारा ये प्रयास, हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा. 22 मार्च को जनता-कर्फ्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे.’पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ’22 मार्च रविवार के दिन हम देश की सेवा में लगे लोगों को धन्यवाद अर्पित करें. रविवार को ठीक 5 बजे हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर, बालकनी में, खिड़कियों के सामने खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें.
देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ‘पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से भी मेरा आग्रह है कि 22 मार्च को 5 बजे सायरन की आवाज से इसकी सूचना लोगों तक पहुंचाएं. सेवा परमो धर्म के हमारे संस्कारों को मानने वाले ऐसे देशवासियों के लिए हमें पूरी श्रद्धा के साथ अपने भाव व्यक्त करने होंगे.’
इकोनॉमिक रिस्पॉन्स टास्क फोर्स
वहीं पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी से उत्पन्न हो रही आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री के नेतृत्व में सरकार ने एक कोविड-19-इकोनॉमिक रिस्पॉन्स टास्क फोर्स के गठन का फैसला लिया है. ये टास्क फोर्स, ये भी सुनिश्चित करेगी कि आर्थिक मुश्किलों को कम करने के लिए जितने भी कदम उठाए जाएं, उन पर प्रभावी रूप से अमल हो.
स्वस्थ बने रहना आवश्यक
साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि ऐसी स्थिति में जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है, तो हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना बहुत आवश्यक है. इस बीमारी से बचने और खुद के स्वस्थ बने रहने के लिए अनिवार्य है संयम. संयम का तरीका है- भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना. आजकल जिसे सोशल डिस्टैंसिंग कहा जा रहा है, कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में, ये बहुत ज्यादा आवश्यक है.
: *अपने देश भारत की तैयारी भी कुछ कम नहीं*

कोरोना का पता इटली को 30 जनवरी को चला , भारत को 31 जनवरी को
हमने तीन दिन के बाद ही मंत्रियों के विशेष समूह का गठन कर 3 फरवरी को पहली बैठक कर ली ।
ICMR इंडियन कौंसिल औफ मेडिकल रिसर्च ने तुरंत लैब स्थापित कर दिए
विदेश मंत्रालय ने चीन, ईरान , इटली से 1400 भारतीयों को स्वदेश लाने की कार्ययोजना तैयार की , शुरुआत सबसे बुरी तरह प्रभावित वुहान से की
एयर इंडिया ने हर देश में एक जहाज स्टैंड बाई पर रखा जो किसी भी भारतीय या पड़ोसी देश के व्यक्ति को मुफ्त में दिल्ली तक लाएगा,इस आदेश के साथ।
नागरिक आपूर्ति विभाग के मंत्री ने मास्क और सैनिटाइजर की कालाबाजारी रोकने के लिए उन्हें आवश्यक वस्तु घोषित किया।
सार्क देशों के प्रमुखों से मोदी जी ने वीडियो वार्ता की ।
नागरिक उड्डयन मंत्री ने हर एयरपोर्ट पर डिटेक्शन लैब स्थापित किया
आज मोदी जी ने जनता कर्फ्यू की अनोखी अवधारणा हमलोगों के साथ साझा की
डिटेक्शन , आइसोलेशन और सोशल डिस्टेंशिग की परिकल्पना पर बल दिया।

 

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