*ग्राम बाल संरक्षण समिति के गठन एवं क्रियान्वयन पर हुई कार्यशाला।*

*ग्राम बाल संरक्षण समिति के गठन एवं क्रियान्वयन पर हुई कार्यशाला।*
दिनांक 08 फरवरी (शनिवार) को ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति के गठन एवं क्रियान्वयन, किशोरी सशक्तिकरण एवं बाल विवाह रोकथाम हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन उमंग परियोजना के द्वारा किया गया जिसमे गोड्डा प्रखंड के सभी पियर मेंटर्स, फैसिलिटेटर्स, ब्लॉक कोर्डिनेटरर्स और जिला कोर्डिनेटर ने भाग लिया। जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम ने प्रतिभागियों को ग्राम बाल संरक्षण समिति को क्रियाशील करने हेतु प्रशिक्षण दिया।
संरक्षण पदाधिकारी विकास चंद्र ने जिला, प्रखंड एवं ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति के कार्य, गठन एवं दायित्व के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी दी एवं सभी प्रतिभागियों को बैठक पंजी एवं बाल निगरानी पंजी संधारण हेतु प्रशिक्षण दिया। बताया कि ग्राम बाल संरक्षण समिति बहुत ही महत्वपूर्ण है और जब यह समिति सक्रीय रूप से कार्य करेगी तो बच्चों से संबंधित सभी समस्याओं पर प्रभावी रूप से कार्य किया जा सकेगा। इस समिति में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, विद्यालय के शिक्षक, बाल समिति एवं विद्यालय प्रबंधन समिति के प्रतिनिधि, सेविका, गाँव के सामाजिक कार्यकर्ता आदि स्थानीय लोग सम्मिलित हैं। बाल संरक्षण एक सामूहिक जिम्मेवारी है एवं सभी की सहभागिता महत्वपूर्ण है। बताया कि, समिति जरूरतमंद, कठिन एवं जोखिम परिस्थितियों में रह रहे बच्चों की सूची विभाग को उपलब्ध कराए ताकि उन्हें सरकार के विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर सहायता प्रदान की जा सके ।
जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी श्री रितेश कुमार ने समेकित बाल संरक्षण योजना,जेजेबी, सीडब्लूसी, डीसीपीयु, एसजेपीयु, किशोर न्याय अधिनियम 2015, पोक्सो, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, स्पॉन्सरशिप और फोस्टर केयर आदि विषयों में बताया। साथ ही, बाल विवाह के दुष्परिणाम, कारण, रोकथाम और किशोरी सशक्तिकरण पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की। बताया कि, पूर्व में पुरे जिले में तक़रीबन 1500 ग्राम बाल संरक्षण समिति के गठन का प्रतिवेदन प्रखंड स्तर से उपलब्ध कराया गया है। शेष केंद्रों से प्रतिवेदन की माँग की गयी है।
आईसीआरडब्लू के पारस वर्मा ने बताया कि उनके प्रयास से महागामा में 121 में 86 और गोड्डा सदर प्रखंड में 140 में 106 वीएलसीपीसी का पुनर्गठन किया गया है।
प्रतिभागियों ने क्षेत्र में ग्राम बाल संरक्षण समिति के क्रियाशील में आ रही बाधाएं एवं समस्याओं के विषय में एक एक करके चर्चा किया एवं जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा निदान बताया गया।
उमंग परियोजना की जिला कोर्डिनेटर नेहा सरकार ने जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम को धन्यवाद ज्ञापन किया। मौके पर जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी रितेश कुमार, संरक्षण पदाधिकारी विकास चंद्र, उमंग परियोजना के अंतर्गत आईसीआरडब्लू के पारस वर्मा, साथी से नेहा सरकार, रोशन कुमार, विभाष कुमार, ब्रज किशोर, नरेन्द्र कुमार, अंजलि सिंह, मुन्ना कुमार, गायत्री चरण, हेमकांत, रत्नेश, संध्या रानी, अर्चना झा, नीलम कुमारी, सुबी कुमारी, बेबी, प्रियंका, मंजू, मीणा देवी एवं 28 अन्य प्रतिभागी उपस्थित हुए।
*समाचार आज तक*

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