गोड्डा जिला परिषद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित

गोड्डा
जिला परिषद अध्यक्ष बसंती देवी एवं उपाध्यक्ष लक्ष्मी चक्रवर्ती के खिलाफ जिला परिषद सदस्यों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव आज पारित हो गया। कुल 32 सदस्यों की मौजूदगी में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराया गया। अध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 30 वोट एवं उपाध्यक्ष के खिलाफ 29 वोट पड़े।
जिला परिषद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस निरंजन पोद्दार एवं उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस अशोक साह ने दिया था। अविश्वास प्रस्ताव पर जिला परिषद के निर्वाचित 25 में से 21 सदस्यों ने हस्ताक्षर किया था। अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों ने अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पर जिला परिषद को जेबी बनाने का आरोप लगाया था। जिला परिषद के निर्वाचित सदस्यों के अलावे प्रखंडों के प्रमुख एवं जिले के सांसद एवं विधायक को भी अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष या विपक्ष में वोट करना था।
निर्वाचन आयोग के निर्देश पर 31 जनवरी को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान की तिथि तय की गई थी। अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान को लेकर आज समाहरणालय में काफी गहमागहमी थी। महागामा की कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह एवं पोड़ैयाहाट के झारखंड विकास मोर्चा विधायक प्रदीप यादव भी अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान मौजूद थे। गोड्डा के पूर्व राजद विधायक संजय प्रसाद यादव भी अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में काफी सक्रिय थे।

बीमारी के बावजूद पहुंचे थे पार्षद अब्दुल वहाब शम्स:
अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले जिला परिषद सदस्यों ने बहुमत जुटाने के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था की थी। इसी के परिणाम स्वरूप बीमारी के बावजूद बसंतराय के जिला परिषद सदस्य अब्दुल वहाब शम्स को लाया गया था। उन्हें व्हीलचेयर पर बिठाकर राजद के पूर्व विधायक मतदान केंद्र तक लेकर गए।

प्रस्ताव पारित होने पर विधायक ने जताया संतोष:
अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाने पर जिला परिषद के सदस्यों समेत विधायकों ने भी संतोष का इजहार किया। कांग्रेसी विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि यह यूपीए की जीत है। वहीं पूर्व विधायक संजय प्रसाद यादव ने कहा कि अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष को गद्दारी का फल मिल गया ।
दरअसल, जिला परिषद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष को हटाने की सुगबुगाहट विगत विधानसभा चुनाव के दौरान ही शुरू हो गई थी। विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया जैसे ही समाप्त हुई, जिला परिषद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष को हटाने की मुहिम शुरू हो गई। उल्लेखनीय है कि जिला परिषद अध्यक्ष बसंती देवी के पति रविंद्र महतो बीते विधानसभा चुनाव के दौरान गोड्डा विधानसभा क्षेत्र से जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार थे। हालांकि नामांकन पत्र दाखिल करने से पूर्व तक श्री महतो झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष पद पर काबिज थे। लेकिन गठबंधन के तहत गोड्डा सीट राजद के खाते में जाने के कारण श्री महतो ने बगावत करते हुए झामुमो से नाता तोड़कर जदयू का दामन थाम लिया था। वहीं जिला परिषद उपाध्यक्ष लक्ष्मी चक्रवर्ती के पति बबलू सिंह बीते विधानसभा चुनाव के दौरान पोड़ैयाहाट के भाजपा प्रत्याशी गजाधर सिंह के चुनाव अभिकर्ता थे।
अविश्वास प्रस्ताव की अगुवाई करने वाले निरंजन पोद्दार बन सकते हैं नए अध्यक्ष:
जिला परिषद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष को हटाने की मुहिम की अगुवाई करने वाले निरंजन पोद्दार जिला परिषद के अध्यक्ष बन सकते हैं। नए अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के चुनाव की तिथि निर्वाचन आयोग के आदेश पर तय की जाएगी।
बताते चलें कि करीब 4 वर्ष पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष के चुनाव के दौरान निरंजन पोद्दार भी उम्मीदवार थे। लेकिन बसंती देवी से महज 1 वोट के अंतर से पराजित हो गए थे।
भारतीय जनता पार्टी के जिला कोषाध्यक्ष रहे निरंजन पोद्दार ने बीते विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा से बगावत कर दिया था। भाजपा से बगावत करने के बाद टिकट की प्रत्याशा में वे झारखंड विकास मोर्चा में शामिल हो गए थे। लेकिन झारखंड विकास मोर्चा से भी टिकट नहीं मिलने के परिणाम स्वरूप श्री पोद्दार ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में महागामा विधानसभा क्षेत्र से नामांकन पर्चा दाखिल किया था। लेकिन स्क्रूटनी के दौरान उनका पर्चा रद्द हो गया था। पर्चा रद्द होने का ठीकरा महागामा के तत्कालीन भाजपा विधायक अशोक कुमार पर फोड़ते हुए श्री पोद्दार ने चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी दीपिका पांडे सिंह को समर्थन दिया था।

गोड्डा से अभय पलिवार की रिपोर्ट

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