– जिस तिथि का उदय, उसी का अस्त की मान्यता के अनुसार विजयादशमी 26 को गोड्डा। इस बार नवरात्रि में अष्टमी, नवमी और दशमी तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति बन रही है। 17 अक्टूबर दिन शनिवार से नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। बुधवार को नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा हुई। पंडित नितेश मिश्र के अनुसार, इस बार नवरात्रि पूरे 9 दिन का होगा। लेकिन इस बार नवरात्रि में अष्टमी, नवमी और दशमी तिथि को लेकर कुछ संशय की स्थिति बन रही है। पंडित नितेश कुमार मिश्रा ने बताया कि मिथिला पंचांग के अनुसार सप्तमी तिथि 23 अक्टूबर दिन शुक्रवार को 12 बजकर 20 मिनट तक है। इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी, जो 24 अक्टूबर दिन शनिवार को 11 बजकर 38 मिनट तक रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो रही है, जो 25 अक्टूबर दिन रविवार को 11 बजकर 25 मिनट तक रहेगी। इसके बाद दशमी तिथि शुरू हो रही है, जो दूसरे दिन 26 अक्टूबर दिन सोमवार को दिन के 11 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। पंडित मिश्रा ने बताया कि हमारे यहां उदयीमान तिथि मानी जाती है। यानी जिसका उदय उसी का अस्त माना जाता है।अर्थात सूर्योदय के समय जो तिथि रहती है, वही तिथि मान्य होती है। अतः 26 अक्टूबर दिन सोमवार को ही विजयदशमी पर्व का उत्सव मनाया जाएगा। हालांकि पंचांग भेद के कारण कई जगहों पर 25 तारीख को ही विजयादशमी मनाई जा रही है।