*Godda News:संताल में बनाया जाए कोरोना जांच लैब: प्रशांत*
संताल में बनाया जाए कोरोना जांच लैब: प्रशांत
गोड्डा।
पूर्व विधायक एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रशांत कुमार ने गोड्डा जिला में कोरोना जांच की धीमी गति को लेकर शासन एवं प्रशासन की भूमिका को सवालों के कटघरे में खड़ा किया है।
संताल परगना प्रमंडल समेत सम्पूर्ण राज्य में वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के गहराते कहर पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने सरकार से संताल परगना प्रमंडल में कोरोना जांच लैब बनाने की मांग की है।
श्री कुमार ने कहा है कि जानलेवा कोरोनावायरस ने गोड्डा जिला मुख्यालय में भी धमाकेदार उपस्थिति दर्ज कराते हुए आम लोगों को सकते में डाल दिया है। यहां तक कि जिला के स्वास्थ्य विभाग में भी कोरोना वायरस ने घुसपैठ करते हुए कोरोना वारियर्स को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। लेकिन बावजूद इसके इस जिले में कोरोना जांच की रफ्तार बहुत ही धीमी है।
जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से इस जिले में आने वाले दिनों में कोरोना का महाविस्फोट भी होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
पूर्व विधायक श्री प्रशांत ने कहा कि जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही एवं अकर्मण्यता का खामियाजा जिला वासियों को भुगतना पड़ सकता है।
जिला प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले एक- डेढ़ माह के दौरान इस जिले में रिकॉर्ड संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर लौटे हैं।50 हजार से अधिक प्रवासी मजदूरों के आने की बात जिला प्रशासन भी स्वीकार कर रहा है, जिसमें करीब 50 फीसदी प्रवासी श्रमिक रेड जोन से आए हैं।
दुखद स्थिति यह है कि रेड जोन से आने वाले प्रवासी मजदूरों की भी समग्रता से कोरोना जांच नहीं कराई गई।रेड जोन से आए प्रवासी श्रमिकों में से बमुश्किल 10 फीसदी की जांच कराते हुए प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग ने पूरे जिले को खतरनाक स्थिति के मुहाने पर रख दिया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना जांच के लिए सरकार द्वारा गोड्डा एवं महागामा में ट्रूनेट मशीन दिया गया है। लेकिन प्रशासनिक एवं विभागीय लापरवाही के कारण मशीन की क्षमता के हिसाब से जांच नहीं हो पा रहा है। उस पर भी ट्रुनेट मशीन की जांच पर स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह विश्वास नहीं कर पा रहा है। यह बहुत गंभीर स्थिति है।
श्री प्रशांत के अनुसार, वैश्विक कोरोनावायरस को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां आप दा को अवसर में बदलने की बात कह रहे हैं, वहीं दूसरी ओर झारखंड सरकार एवं गोड्डा प्रशासन आपदा को अवैध कमाई के अवसर के रूप में देख रही है।