मैट्रिक परीक्षा के परिणाम में संताल परगना का टॉपर रहा गोड्डा
– अदाणी-ज्ञानोदय ने एक बार फिर लहराया अपना परचम
गोड्डा।
झारखंड अधिविक परिषद (जैक) द्वारा आयोजित वर्ष 2020 की मैट्रिक परीक्षा के परीक्षाफल में गोड्डा जिला सूबे में 11 वें स्थान पर रहा, जबकि संताल परगना प्रमंडल का टॉपर बना। इस जिले के 75.148 फ़ीसदी छात्रों ने सफलता का परचम लहराया। अदानी फाउंडेशन के सहयोग से जिला प्रशासन द्वारा शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए चलाया जा रहा ज्ञानोदय गोड्डा ऐप की सफलता की छाप परीक्षा परिणाम पर दृष्टिगोचर हो रही है।
आशा के अनुरूप गोड्डा जिला का परिणाम इस साल पिछले साल से और भी बेहतर रहा। इस साल गोड्डा न सिर्फ संताल परगना में टॉप पर रहा बल्कि राज्य के सभी जिलों में भी तीन पायदान ऊपर उठ कर ग्यारहवें स्थान पर रहा।
गोड्डा जिले के पास होने वाले छात्रों का औसत इस बार 75.148 फीसदी रहा। जबकि पिछले साल (2019) में औसत 66.67 फीसदी के साथ यह जिला 14वें पायदान पर रहा था। वहीं 2018 में औसत 50.67 फीसदी परीक्षाफल के साथ 21वें पायदान पर रहा था।
बुधवार को जारी परीक्षा परिणाम में शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण इलाके के परीक्षार्थियों ने प्रतिभा का जलवा बिखेरा।
जिला के टॉप टेन परीक्षार्थी:
उच्च विद्यालय, बसंतराय की राधा कुमारी एवं एसकेएस विद्यामंदिर , ललमटिया के उदय कर्मकार 95. 2 फ़ीसदी अंक प्राप्त कर संयुक्त रुप से जिला टॉपर बने। वहीं सेकंड टॉपर सदर प्रखंड के उच्च विद्यालय नुनबट्टा की छात्रा लक्ष्मी कुमारी ने 94.60 प्रतिशत अंक हासिल किया। एसकेएस विद्या मंदिर, ललमटिया के सुधांशु रंजन एवं सोनी कुमारी ने 94.6 फीसदी अंक हासिल कर जिला स्तर पर क्रमश: तृतीय एवं चतुर्थ स्थान प्राप्त किया।
प्लस टू उच्च विद्यालय , गोड्डा के सोनू कुमार ने 93.8 एवं आशुतोष कुमार मंडल ने 93.4 अंक प्राप्त कर क्रमशः पांचवें एवं छठे स्थान पर कब्जा जमाया। वही संत जोसेफ स्कूल , बरमसिया की पल्लवी प्रिया एवं एवं उत्क्रमित उच्च विद्यालय, भतखोरिया की बंदना कुमारी 92.8 प्रतिशत अंक प्राप्त कर क्रमशः सातवें एवं आठवें स्थान पर रहे। जबकि उत्क्रमित बुनियादी उच्च विद्यालय, सुंदरमोर के सौरभ कुमार 92.80 अंक के साथ नौवें स्थान पर रहे। वहीं उच्च विद्यालय मोतिया के कुणाल कुमार 92 . 4 फीसदी अंक प्राप्त कर दसवें स्थान पर रहे।
इसके अलावे उत्क्रमित उच्च विद्यालय, विश्वासखानी के बासुदेव कुमार ने 92.20 तथा सर्वोदय हाई स्कूल, बक्सरा के आदित्य राज ने 91 फ़ीसदी अंक हासिल किया। बेहतर परिणाम को पाकर छात्रों के साथ-साथ अभिभावकों और शिक्षकों का उत्साह देखने लायक है। अभिभावकों का मानना है कि छात्रों के बेहतर परिणाम में शिक्षकों की मेहनत के साथ-साथ जिला प्रशासन और अदाणी फाउंडेशन के सहयोग से गोड्डा में चल रहे ज्ञानोदय कार्यक्रम की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है।
ज्ञानोदय के तहत जिले के 260 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास के जरिए ऑडियो-वीडियो माध्यम से शिक्षा की व्यवस्था की गई है। जाहिर है यह उत्साहवर्धक परिणाम जिला प्रशासन के कुशल दिशा-निर्देश व शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों की अगुवाई में शिक्षकों का कुशल मार्गदर्शन के साथ पूरे ज्ञानोदय टीम की दिन-रात की मेहतन का नतीजा है।
एकलव्य विद्यालय की प्रथम बैच की छात्राओं ने बजाया डंका:
जिला के सुदूरवर्ती सुंदरपहाड़ी प्रखंड में 2 साल पूर्व जनजातीय बच्चों के लिए स्थापित एकलव्य मॉडल बालिका विद्यालय की पहली बैच मैट्रिक परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करने में सफल रही। जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार एवं कल्याण विभाग, झारखंड सरकार द्वारा प्रायोजित एवं आसरा संस्था द्वारा संचालित एकलव्य मॉडल बालिका विद्यालय की 23 छात्राओं में से 17 छात्राएं प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने में सफल रहीं। जबकि पांच छात्राएं द्वितीय श्रेणी से सफल हुई।
विद्यालय की छात्रा ललिता हांसदा ने 79 फ़ीसदी अंकों के साथ विद्यालय टॉपर बनने का गौरव हासिल किया। 77 फ़ीसदी अंकों के साथ अनीता मुर्मू द्वितीय,76 फ़ीसदी अंकों के साथ पॉलिना सोरेन तृतीय स्थान, 73 फ़ीसदी अंकों के साथ सुहागिनी मरांडी चतुर्थ एवं 72 फ़ीसदी अंकों के साथ सुशीला सोरेन पांचवां स्थान हासिल करने में सफल रहीं। विद्यालय की चार छात्राओं ने गणित में 95 फ़ीसदी से अधिक अंक प्राप्त करने में सफल रही हैं।
मैट्रिक की परीक्षा में एकलव्य मॉडल बालिका विद्यालय सुंदरपहाड़ी की पहली बैच के द्वारा शानदार प्रदर्शन किए जाने पर संस्था के सचिव शिवकर पूर्ति एवं विद्यालय के डायरेक्टर राजेश कुमार पति ने सभी सफल छात्राओं, विद्यालय के शिक्षकों एवं कल्याण विभाग के अधिकारियों को हार्दिक बधाई दी है।
एकलव्य मॉडल बालिका विद्यालय सुंदरपहाड़ी की पहली बैच की टॉपर ललिता इस प्रदर्शन से काफी खुश है। पाकुड़ जिला के डूमरिया गांव की ललिता ने अपने इस प्रदर्शन का श्रेय विद्यालय के शिक्षकों को दिया है। ललिता के अनुसार, एकलव्य विद्यालय में पढ़ने का मौका अगर नहीं मिला होता तो शायद आज की खुशी नहीं मना पाती है। वह विज्ञान विषय के साथ उच्च शिक्षा प्राप्त कर डॉक्टर बनने का लक्ष्य रखी है। ललिता का कहना है कि डॉक्टर बनकर गरीबों का सेवा करना चाहती है।